पाटन क्षेत्र में क्रेडा के माध्यम से अधोसंरचना को मजबूत करने का काम लगातार जारी .सौर ऊर्जा की मदद से गाँव की सड़कें और चैक चौराहे हो रहे रोशन
DURG:-नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। शासन और प्रशासन ने भौगोलिक विषमताओं से लड़कर भी जनता को राहत देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कोशिश की है। इस कोशिश में छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण रही है। अक्षय ऊर्जा के सबसे शक्तिशाली स्रोत के रूप में सौर ऊर्जास्थापित हो चुकी है। कर्क रेखा के नजदीक होने के कारण छत्तीसगढ़ में पर्याप्त सौर ऊर्जा उपलब्ध है जिसका उपयोग कर दुर्गम इलाकों में भी बिजली और पानी पहुँचाया जा रहा है। सौर ऊर्जा के माध्यम से विषम भौगोलिक स्थिति वाले जंगल और पहाड़ी.पठारी इलाकों तक भी प्रगति की बयार पहुंच रही है। इसके अलावा कम वोल्टेज की समस्या वाले इलाकों में भी सौर ऊर्जा का उपयोग कर राहत दी जा रही है। ;क्रेडाद्ध द्वारा सौर ऊर्जा के उपयोग से एक बड़ी आबादी को फायदा पहुंचाने की कोशिश लगातार की जा रही है। पेयजलए सिंचाईए स्ट्रीट लाइटए जल शोधन जैसे क्षेत्रों में काफी कार्य किया गया है। ग्रामीण अंचलों में गर्मी से राहत देने सोलर ड्यूल पंप स्थापित किए जा रहे हैं।
ये ऐसे क्षेत्रों के लिए काफी उपयोगी सिध्द हुआ है जहांभू.जल स्तर कम होने तथा अन्य कारणों से पेयजल की समस्या बनी रहती है । गर्मी के दिनों में भू.जल स्तर और भी कम हो जाने के कारण हैंडपंप के माध्यम से पानी निकालना भी संभव नहीं होता है इन ग्रामों में शुद्ध पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सोलर ड्यूल पंप की स्थापना की जा रही है। दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड मे क्रेडा के माध्यम से अब तक 258 नग सोलर ड्यूल पंपों की स्थापना की जा चुकी है। इसके अलावा इस क्षेत्र में 75 नग सोलर हैण्ड पंप संयंत्रों की स्थापना का कार्य लगातार जारी है। ताकि आने वाले समय में ग्रामवासियों को 24 घण्टे शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो।
सौर सुजला योजना के तहत सिंचाई के लिए पाटन क्षेत्र में 354 सोलर पंप स्थापित गौठानों में अलग से 67 सोलर पम्पों की स्थापना 31 जुलाई तक पूर्ण करने का लक्ष्य .
छत्तीसगढ़ के खेती प्रधान राज्य होने के नाते शासन के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना। राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना सौर सुजला योजना के माध्यम से प्रत्येक वर्ग के किसानों को कृषि प्रयोजनों के लिए आकर्षण अनुदान एवं रियायती दरों पर सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना से ऐसे सभी किसान जिनके पास जल स्रोत उपलब्ध होने के बावजूद बिजली की समस्या होने के कारण डीजल पम्प जैसे महंगे साधन का उपयोग कर सिंचाई करते थे अथवा सिंचाई के लिए वर्षा के जल पर पूरी तरह आश्रित थेए उनको सोलर पंप के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पाटन विकासखंड में योजना के तहत वर्ष 2016.17 से 2018.19 तक सौर सुजला योजना के तहत में 287 नग सोलर पम्पों की स्थापना कर कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा वर्ष 2019.20 में कृषक मूलक योजना के तहत स्वीकृत 101 नग सोलर पंप में से 67 पम्प स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही नरवाए गरूवाए घुरूवाए बाड़ी योजना के तहत गौठान व चारागाह में 38 नग सोलर पंप का स्वीकृति मिली है अगले एक महीने में काम पूरा ही जाएगा। इसके अलावा पाटन में सोलर जल शुद्धिकरण संयंत्र की स्थापना भी की गई है।
सौर ऊर्जा से स्वास्थ्य केन्द्रों के विद्युतीकरण से बड़ी समस्या हुई दूर.
पाटन विकासखण्ड मे सामुदायिक, प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द उप स्वास्थ्य केन्द्रों में जहां ग्रिड विद्युत बार.बार बाधित रहता हैए ऐसे स्वास्थ्य केन्द्रों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर निरंतर विद्युत प्रदाय का कार्य किया जा रहा हैए जिससे कि स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज कराने हेतु मरीजों को राहत मिली है। पाटन विकासखण्ड मे कुल 04 स्वास्थ्य केन्द्रों में सौर संयंत्र की स्थापना की जा चुकी हैए वर्ष 2020.21 में 39 स्वास्थ्य केन्द्रों में सौर पावर प्लांट संयंत्र का स्थापना कार्य प्रगति पर है।