असम की प्रयोगशाला ने कोरोना वायरस को अलग किया, बनी भारत की चौथी लैब | nation – News in Hindi


आरएमआरसी देश की चौथी प्रयोगशाला है जिसने कोरोना वायरस को अलग करने में सफलता प्राप्त की है
आरएमआरसी (RMRC) के वैज्ञानिकों ने संस्थान स्थित बीएसएल-3 स्तरीय प्रयोगशाला में कोविड-19 वायरस को वीईआरओ-सीसीएल81 कोशिका रेखा से अलग किया.’
तीसरी सरकारी लैब
उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ स्थित आरएमआरसी, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान प्रयोशाला (एनआईवी) पुणे और सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) हैदराबाद के बाद तीसरी सरकारी प्रयोगशाला है जिसने यह सफलता प्राप्त की है. चौथी प्रयोगशाला भारत बायोटेक है जो हैदराबाद स्थित निजी प्रयोगशाला है.
क्या बोले हेमंत बिस्व सरमाअसम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को प्रेस वार्ता में बताया, ‘आरएमआरसी के वैज्ञानिकों ने संस्थान स्थित बीएसएल-3 स्तरीय प्रयोगशाला में कोविड-19 वायरस को वीईआरओ-सीसीएल81 कोशिका रेखा से अलग किया.’ उन्होंने कहा कि इस सफलता के बाद वैज्ञानिक जरूरत के हिसाब से इस वायरस की विशाल मात्रा में प्रतिकृति बना सकेंगे.
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सरमा ने कहा कि कोविड-19 का टीका विकसित करने में यह महत्वपूर्ण है जिसमें वायरस को प्रयोगशाला में विकसित किया जाता है और ऊष्मा एवं रसायन से उसे निष्क्रिय किया जाता है और प्री क्लिनिकल के बाद शुद्ध कर टीके के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने बताया कि अबतक केंद्र ने पूर्वोत्तर में 50 हजार नमूनों की जांच की है.
First published: July 1, 2020, 10:22 PM IST