कम हुआ देश का चालू खाता घाटा, जनवरी-मार्च 2020 में बचे 60 करोड़ डॉलर | business – News in Hindi
आरबीआई ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान चालू खाते का घाटा कम होकर जीडीपी का 0.9 फीसदी हो गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 की जनवरी-मार्च तिमाही में देश ने जीडीपी के 0.7 फीसदी या 4.6 अरब डॉलर का चालू खाते का घाटा दर्ज किया था. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान चालू खाते का घाटा कम होकर जीडीपी का 0.9 फीसदी हो गया है.
मार्च तिमाही में व्यापार घाटा भी हुआ है कम
चालू खाते में वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान जीडीपी के 2.1 फीसदी के बराबर घाटा दर्ज किया गया था. मार्च 2020 तिमाही और पूरे वित्त वर्ष में चालू खाते की स्थिति में सुधार से व्यापार घाटा कम हुआ है. चालू खाता किसी अवधि में वस्तु व सेवा का आयात-निर्यात, विदेशी निवेशकों को किए गए भुगतान और उनकी ओर से देश में आए धन की शुद्ध स्थिति बताता है. यह शेष दुनिया के साथ देश के कारोबार की स्थिति का अहम संकेतक होता है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि मार्च तिमाही में चालू खाते में बचत की प्रमुख वजह व्यापार घाटा कम होना है.
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आरबीआई ने बताया कि मार्च तिमाही में व्यापार घाटा कम होकर 35 अरब डॉलर रहा. इसके अलावा शुद्ध अदृश्य प्राप्तियां भी 35.6 अरब डॉलर रहीं. मार्च तिमाही में सेवा व्यापार से शुद्ध राजस्व बढ़कर 22 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.3 अरब डॉलर था. रिजर्व बैंक ने कहा कि कंप्यूटर और यात्रा सेवाओं से शुद्ध आमदनी बढ़ने से इसमें इजाफा दर्ज किया गया है. इस दौरान विदेशों में काम करने वाले भारतीयों की ओर से भेजा जाने वाला धन 14.8 फीसदी बढ़कर 20.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
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शुद्ध विदेशी निवेश बढ़कर हुआ 12 अरब डॉलर
रिजर्व बैंक ने बताया कि इस दौरान प्राथमिक आय खाते से शुद्ध भुगतान घटकर 4.8 अरब डॉलर रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 6.9 अरब डॉलर था. मार्च तिमाही में शुद्ध विदेशी निवेश (Net Foreign Investment) दोगुना होकर 12 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 6.4 अरब डॉलर था. विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) इस दौरान 13.7 अरब डॉलर घट गया, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 9.4 अरब डॉलर बढ़ा था.
First published: June 30, 2020, 11:59 PM IST