छत्तीसगढ़

सफाई कर्मियों की हड़ताल से घबराया निगम, नवंबर का किया पेमेंट

सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ रायपुर- शहर की गंदगी को साफ कर शहर की सुंदरता में चार चांद लगाने वाले सफाई कर्मियों को पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने से सफाई कर्मियों के घर का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है। सफाई कर्मियों द्वारा वेतन को लेकर कई बार निगम और ठेकेदार से गुजारिश की, लेकिन उनको वेतन नहीं दिया गया। सफाई कर्मियों के सब्र का बांध टूट गया और पिछले दो दिन से सफाई व्यवस्था बंद कर दिया है। गुरुवार को सभी जोन के सभी सफाई कर्मी नगर निगम में हड़ताल पर बैठ गए। इससे बिरगांव नगर निगम की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरागई है। सफाई कर्मियों का कहना है कि वे सुबह से शाम तक शहर में नालों, गलियों व चौक-तिराहों की सफाई करते हैं। जो वेतन मिलता है, उसी से घर चलता है। इसके अलावा आजकल बच्चों के विभिन्ना शिक्षण संस्थानों में दाखिला होने का दौर चल रहा है। वेतन नहीं मिलने से बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाना मुश्किल हो गया है। सफाई कर्मियों की पीड़ा न तो जनप्रतिनिधि समझ रहे हैं और न ही निगम के अधिकारी।

ज्ञात हो कि बिरगांव नगर निगम के 40 वार्डों में करीब एक लाख 20 हजार की आबादी निवासरत है। 40 वार्डों में कुल 10 जोन बनाए गए हैं। निगम द्वारा सफाई का जिम्मा पांच अलग-अलग प्राइवेट ठेकेदारों के कंधो पर सौंपा है। पूरे 10 जोन में कुल 170 सफाई कर्मी दिन रात मेहनत कर शहर को स्वच्छ बना रहे हैं, लेकिन इसमें से करीब पांच जोन में नवंबर माह तथा पांच जोन में करीब दिसंबर माह से पेमेंट नहीं हुआ है। सफाई कर्मियों का वेतन ना मिलने की प्रमुख वजह बताई जा रही है कि ठेका एंजेंसियों द्वारा कर्मचारियों का ईपीएफ जमा नहीं किया जा रहा है। इस कारण निगम द्वारा ठेकेदारों का वेतन रोक दिया है।

सफाई की डेढ़ साल से नहीं हुआ टेंडर

निगम सूत्रों की माने तो बिरगांव नगर निगम में पिछले डेढ़ साल से सफाई का ठेका नहीं हुआ है। पुराने ठेकेदारों को बिना टेंडर के सफाई की जिम्मा सौंप दिया गया था। निगम के अधिकारियों का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में किसी ने भाग नहीं लिया इसलिए दुबारा इनको टेंडर जारी कर दिया गया था। निगम के अधिकारियों का कहना है ठेकेदारों के पेमेंट के लिए एमआईसी में स्वीकृति के लिए भेजा था, लेकिन एमआईसी से स्वीकृति मिल गई है, लेकिन चेक पर हस्ताक्षर न होने की वजह से पेमेंट नहीं हो पाया है।

अधिकारी और ठेकेदार के बीच में पीस रहे सफाई कर्मी

निगम के अधिकारी और ठेकेदारों के बीच में निगम के कर्मचारी पीस रहे हैं। निगम के अधिकारी का कहना है कि ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मचारियों का ईपीएफ जमा नहीं किया जा रहा है। जब तक कर्मियों का ईपीएफ की रसीद नहीं आएगी, तब तक पेमेंट नहीं कर सकते। वहीं ठेकेदारों का कहना है कि पैसा मिलेगा कर्मचारियों के खाते में जमा करेंगे, तब तो ईपीएफ की रसीद दे पाएंगे। निगम आयुक्त द्वारा आनन-फानन में सभी ठेकेदारों को तलब किया गया। उसके बाद नवंबर तक का पेमेंट कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि होली तक सफाई कर्मियों का पेमेंट पूरा कर दिया जाएगा।

गलियों में कीचड़, नाले ठप

दो दिनों से चली आ रही हड़ताल में शहर के नालों व चौक चौराहों की सफाई कहीं पर भी नहीं हो पाई है, जिससे निगम की सफाई की व्यवस्था डगमगा गई है। यदि हड़ताल लंबी चलती तो निगम के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, जिससे सफाई का काम कराया जा सके। आयुक्त के आश्वसन के बाद गुरुवार की शाम से सफाई व्यवस्था पटरी पर लौट आई।

निगम के कर्मचारियों को वेतन ना मिलने की वजह से वह हड़ताल पर चले गए थे, नवंबर तक पेमेंट कर दिया गया है। बाकी की पेमेंट भी जल्द कर दिया जाएगा।

महेन्द्र कुमार पाठक, कमिश्नर, नगर निगम, बिरगांव

 

 

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