Unlock 2.0 की गाइडलाइंस जारी; बढ़ गई छूट, स्कूल-जिम समेत इन पर बनी रहेगी पाबंदी | nation – News in Hindi
सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार कंटेनमेंट जोन के अलावा बाकी जगहों पर आगे बताए गए कार्यों को छोड़कर सभी गतिविधियों की मंजूरी दे दी है. सभी जगहों पर 31 जुलाई 2020 तक स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे. ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग जारी रहेगी और इसे बढ़ावा दिया जाएगा. सभी तरह की अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा पर प्रतिबंध जारी रहेगा. मेट्रो सेवाएं बंद रहेंगी. सिनेमा हॉल, जिम, स्विमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थियेटर, बार, ऑडिटोरियम, एसेंबली हॉल और ऐसी सभी जगहें बंद रहेंगी. सभी तरह के सामाजिक, राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन पूरी तरह से बंद रहेंगे.
सरकार की ओर से बताया गया है कि इन सभी गतिविधियों को शुरू करने के संबंध में अलग से गाइडलाइन जारी की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर मानक संचालन प्रक्रिया भी जारी की जाएगी जिससे कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित की जा सके.
घरेलू उड़ानों और यात्री ट्रेनों को सीमित मात्रा में अनुमति दी गई है. उनकी तादाद भी जांच परख कर बढ़ाई जाएगी.रात्रि कर्फ्यू का बदला समय
सरकार ने अनलॉक 2.0 में रात के कर्फ्यू का समय भी बदल दिया है. अब रात में 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहेगा. इस कर्फ्यू के दौरान आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोग, जरूरी कामों से जुड़े लोगों, शिफ्टों में काम करने वालों, राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा सामान लाने ले जाने वालों, खाली और भरे हुए कार्गो, बस, ट्रेन या हवाई जहाज से यात्रा कर अपने गंतव्य को जाने वाले लोगों को छोड़कर सभी की आवाजाही पर पाबंदी रहेगी.
सरकार के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में 31 जुलाई 2020 तक लॉकडाउन जारी रहेगा. कंटेनमेंट जोन को जिला प्रशासन तय करेगा और यहां स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा. इन कंटेनमेंट जोन को जिला कलेक्टरों द्वारा वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा.
कंटेनमेंट जोन में रहेंगी सख्त पाबंदियां
कंटेनमेंट जोन में सिर्फ जरूरी कामों की अनुमति होगी. लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे. सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी के केस और जरूरी सामानों की आपूर्ति को ही मंजूरी दी जाएगी.
सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि कंटेनमेंट जोन में गहन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, घर-घर जांच और जरूरत के हिसाब से अन्य चिकित्सीय एहतियात बरते जाएंगे. कंटेनमेंट जोन में होने वाली सभी गतिविधियों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से कड़ी नजर रखी जाएगी. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कंटेनमेंट जोन के अलावा बफर जोन भी तय करने होंगे जहां पर मामले सामने आ सकते हैं.