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कोरोना संकटः रिवर्स माइग्रेशन ने बढ़ाई मनरेगा में काम की मांग, 86 फीसदी की हुई बढ़ोतरी | nation – News in Hindi

कोरोना संकटः रिवर्स माइग्रेशन ने बढ़ाई मनरेगा में काम की मांग, 86 फीसदी की हुई बढ़ोतरी

जिन जिलों में जितने ज्यादा मजदूर वापस लौटे वहां काम की मांग में उतनी ज्यादा बढ़ोतरी हुई. (तस्वीर-AP)

पूरे देश में इस साल मई में मनरेगा (MGNREGA) के तहत 3.29 करोड़ लोगों को काम मिला जबकि पिछले साल इसी समय यह आंकड़ा 2.12 करोड़ था. 26 जून तक यह आंकड़ा 2.70 करोड़ से ज्यादा पहुंच गया.

नई दिल्ली. कोरोना संकट (Covid-19 Crisis) की वजह से शहरों में काम करने वाले मजदूरों (Migrant Labourers) के वापस अपने जिलों-गांव लौटने की वजह से मनरेगा में काम की मांग में 86.27 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मनरेगा पोर्टल विश्लेषण के दौरान सामने आया कि जिन जिलों में जितने ज्यादा मजदूर वापस लौटे, वहां काम की मांग में उतनी ज्यादा बढ़ोतरी हुई.

कोरोना संक्रमण की वजह से देशभर में मजदूरों के रिवर्स माइगेशन ने खूब चर्चा बटोरी. काम की तलाश में दूसरे शहरों में आए लोगों ने अपने गांव की तरफ पलायन किया. नतीजतन अपनी रोजी रोटी छोड़कर अब गांवों में पहुंचे लोग महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. मनरेगा पोर्टल विश्लेषण के दौरान यह तथ्य सामने आया कि पिछले साल जहां छह राज्यों के 116 जिलों में 48.22 लाख लोगों ने मनरेगा में काम की मांग की थी वहीं इस साल 89.83 लोगों ने इस साल मनरेगा में काम के लिए आवेदन किया है.

गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत
इन 116 जिलों में 25,000 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने वापसी की. इस महीने की शुरुआत में सरकार ने अपने जिलों में वापस लौटे लोगों को काम देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की थी.इन 116 जिलों में 32 जिले बिहार, 31 जिले उत्तर प्रदेश, 24 जिले मध्य प्रदेश, 22 जिले राजस्थान, 3 जिले झारखंड और 4 जिले ओडिशा के हैं. यह सूची गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत के एक दिन बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 19 जून को जारी की थी.

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सूची में शामिल छह जिलों में से मनरेगा में काम की मांग में सबसे ज्यादा उछाल उत्तर प्रदेश में आया. यह उछाल 313.81 फीसद का है. इस साल उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में मई तक 27.78 लाख घरों से मनरेगा की मांग की गई जबकि पिछले साल इसी समय यह मांग 6.71 लाख घरों से की गई थी. इन 31 जिलों में कुल 17.47 लाख प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की.

(तस्वीर-AP)

काम की मांग के मामले में उत्तर प्रदेश रहा टॉप पर
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, देवरिया, वाराणसी, गोरखपुर, अमेठी और महाराजगंज में सबसे ज्यादा मांग बढ़ी. इन 9 जिलों में पिछले साल के मुकाबले 500 प्रतिशत तक मांग बढ़ी है. इसके अलावा 7 जिलों में 301-400 प्रतिशत तक पिछले साले के मुकाबले ज्यादा काम की मांग बढ़ी. 11 जिलों में 201-300 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की गई. 18 जिलों में 101-200 प्रतिशत तक काम की मांग में उछाल आया.

अन्य पांच राज्य में इन जिलों में बढ़ी मांग
बिहार के सहरसा, भागलपुर और मधेपुरा, राजस्थान के करौली, जोधपुर और हनुमानगढ़ तो झारखंड के गिरिडीह में मांग बढ़ी. इन जिलों में 63 लाख प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हुई है.

गरीब कल्याण योजना से होगा प्रवासी मजदूरों का उद्धार
गरीब कल्याण योजना के तहत 25 अलग-अलग तरह के सार्वजनिक कामों के जरिए 50,000 करोड़ के रोजगार दिए जाएंगे. इन कामों में जन जीवन मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाओं को भी शामिल किया गया है. पूरे देश में इस साल मई में मनरेगा के तहत 3.29 करोड़ लोगों को काम मिला जबकि पिछले साल इसी समय यह आंकड़ा 2.12 करोड़ था. 26 जून तक यह आंकड़ा 2.70 करोड़ से ज्यादा पहुंच गया.

First published: June 29, 2020, 2:55 PM IST



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