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domestic violence Case increas in Ludhiana Punjab during lockdown | लॉकडाउन में दोगुने हुए घरेलू हिंसा के मामले, लुधियाना में दर्ज हुए 1500 केस | nation – News in Hindi

लॉकडाउन में दोगुने हुए घरेलू हिंसा के मामले, लुधियाना में दर्ज हुए 1500 केस

लॉकाडउन से पहले 60 आत्महत्या के मामले और घरेलू हिंसा की 850 शिकायतें दर्ज की गईं थी.

डीसीपी अखिल चौधरी (DCP Akhil Chaudhary) ने कहा, ‘पंजाब के लुधियाना (Ludhiana) में लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या और घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं. 2020 में लॉकाडउन से पहले 60 आत्महत्या के मामले और घरेलू हिंसा की 850 शिकायतें दर्ज की गईं.

नई दिल्ली. कोरोना संकट (Corona crisis) से निपटने को लागू किए गए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान देशभर में घरेलू हिंसा (Domestic violence) के मामले बढ़े हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग (National Women Commission) ने देशव्यापी बंद से पहले और बाद के 25 दिनों में विभिन्न शहरों से मिली शिकायतों के आधार पर यह दावा किया था कि लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामले दोगुने हो गए थे. महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन से पहले आयोग को घरेलू हिंसा की 123 शिकायतें मिली थीं जबकि लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन व अन्य माध्यम से घरेलू उत्पीड़न के 239 मामले दर्ज कराए गए थे. राष्ट्रीय महिला आयोग के बाद पंजाब के लुधियाना के डीसीपी अखिल चौधरी ने भी लॉकडाउन में घरेलू हिंसा के बढ़े हुए मामलों की पुष्टि की है.

डीसीपी अखिल चौधरी (DCP Akhil Chaudhary) ने कहा, ‘पंजाब के लुधियाना (Ludhiana) में लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या और घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं. 2020 में लॉकाडउन से पहले 60 आत्महत्या के मामले और घरेलू हिंसा की 850 शिकायतें दर्ज की गईं. लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या के 100 मामले और 1500 घरेलू शिकायतें दर्ज की गई हैं.’

दहेज उत्पीड़न के मामले घटे
इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान दहेज उत्पीड़न के मामलों में गिरावट आई. पहले 25 दिनों में 44 मिली थीं. जबकि लॉकडाउन के दौरान 37 मामले सामने आए. इसी तरह पहले 25 दिनों में छेड़खानी के 25 मामले सामने आए जबकि लॉकडाउन के दौरान 15 शिकायतें मिलीं.

इसके अलावा हेल्पलाइन को कोरोना वायरस को लेकर सवाल पूछने के लिए 1,677 कॉल प्राप्त हुए और 237 लोगों ने बीमार लोगों की मदद के लिए कॉल किया. वालिया ने सुझाव दिया है कि लॉकडाउन के दौरान हेल्पलाइन को एक आवश्यक सेवा घोषित किया जाए. वहीं, घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं लॉकडाउन के दौरान और अधिक असुरक्षित हो गई हैं.



First published: June 28, 2020, 4:05 PM IST



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