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मारुति के चेयरमैन ने कहा, चीन से आयात रोकने को भारतीय मैन्‍युफैक्‍चरिंग को प्रतिस्पर्धी बनाना होगा – India china tension Maruti Suzuki chairman said To curb Chinese imports make Indian manufacturing competitive widespread | business – News in Hindi

मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बताया चीन से आयात रोकने का फार्मूला

मारुति सुजुकी के चेयरमैन ने कहा, बहिष्‍कार के बाद भी चीन से कुछ उत्‍पादों का आयात जारी रहेगा.

मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि लंबे समय तक आयात (Import) करना किसी के व्यावसायिक हित में नहीं है. हालांकि, बहिष्‍कार के बाद भी चीन से कुछ उत्पादों का आयात जारी रहेगा, क्योंकि इस मामले में हमारे पास सीमित विकल्प हैं.

नई दिल्ली. भारत और चीन की सेनाओं में लद्दाख सीमा पर तनाव (India-China Rift) के बाद देश में चीनी वस्‍तुओं और सेवाओं के बहिष्‍कार (Boycott) का अभियान शुरू हो गया. इस पर मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा है कि चीन के सामान के बहिष्कार के लिए भारतीय विनिर्माण (Indian Manufacturing) को अधिक प्रतिस्पर्धी और व्यापक बनाने की जरूरत है. वहीं, लोगों को ध्यान रखना होगा कि चीनी माल के बहिष्कार के चलते उन्हें उत्पादों की अधिक कीमत चुकानी होगी.

बहिष्‍कार के बाद भी कुछ उत्‍पादों का आयात रहेगा जारी
आरसी भार्गव ने कहा कि लंबे समय तक आयात (Import) करना किसी के व्यावसायिक हित में नहीं है. कुछ उत्पादों का आयात जारी रहेगा, क्योंकि इस मामले में हमारे पास सीमित विकल्प हैं. दरअसल, ऐसे उत्पाद या तो भारत में उपलब्ध ही नहीं हैं या उनकी गुणवत्ता (Quality) और कीमत (Prices) बड़ा मुद्दा है. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी के प्रमुख ने कहा, ‘हर व्‍यक्ति जानता है कि एक समय के बाद उत्पादों का आयात रुपये (Rupee) के कमजोर होने से महंगा होता जाता है. अगर 10 साल पहले कोई सामान मंगा रहे थे तो आज वह 60 से 70 प्रतिशत महंगा मिलेगा. ऐसे में आयात करना किसी के व्यावसायिक हित में नहीं है. आप तभी आयात करते हैं, जब आपके पास सीमित विकल्प हों.’

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भार्गव ने कहा, ‘मौजूदा माहौल में देशभर में उठी भावना का जवाब यही है कि आप भारतीय विनिर्माण को ज्‍यादा प्रतिस्पर्धी (Competitive) और व्यापक (Widespread) बनाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आत्‍मनिर्भर भारत का मतलब भी यही है. अगर आप भारत में प्रतिस्पर्धी मूल्य पर सामान का उत्पादन करते हैं तो लोग उनका आयात नहीं करेंगे.’ उन्‍होंने कहा कि लद्दाख सीमा (Ladakh) पर भारत-चीन तनाव की वजह से चीनी आयात के खिलाफ उठी आवाजों से वाहन और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों का चिंतित होना स्वाभाविक है. पाकिस्तान के मामले में भी ऐसा हुआ था. हालांकि, यह नीति नहीं बन जाता है. मुझे लगता है कि नीति-निर्माता कोई नीति बनाने या हटाने से पहले सावधानी से विचार करते हैं. वे भावनाओं के हिसाब से प्रतिक्रिया नहीं देते हैं.’

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जरूरी सामान का आयात रोकने पर हमें होगा नुकसान
मारुति सुजुकी के चेयरमैन ने कहा कि भारत में उद्योगों को कुछ उत्‍पाद आयात करने ही होते हैं. दरअसल, ये वे उत्‍पाद होते हैं, जो या तो भारत में बनते ही नहीं है या उपलब्ध हैं भी तो उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है और काफी महंगे हैं. आयात रोकने से भारत को फायदे या नुकसान पर भार्गव ने कहा कि अगर गैरजरूरी सामान है तो हमें नुकसान नहीं होगा. वहीं, अगर किसी आवश्यक सामान का आयात रोका जाता है तो हमें चीन से ज्‍यादा नुकसान उठाना होगा. आपको देखना होगा कि क्या आयात किया जा रहा है. यह हमारे उद्योग के लिए कितना जरूरी है. साथ ही आयात रोकने से पहले हमें देखना होगा कि इससे फायदा होगा या नुकसान.



First published: June 28, 2020, 2:03 PM IST



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