अन्नदाताओं द्वारा खरीदे गए धान को खराब होने से बचाने के लिए कवायद शुरू .ग्रामीण अंचलों के धान उपार्जन केंद्रों में पक्के चबूतरों का निर्माण युद्धस्तर पर जारी
DURG:-अन्नदाताओं की मेहनत से उपजा धान अब खराब नहीं होगा। जिले के विभिन्न धान संग्रहण केंद्रों में धान को खराब होने से बचाने के लिए पक्के चबूतरों का निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। चबूतरे बन जाने से धान को वर्षा में भीगकर सडऩे से बचाया जा सकेगा साथ ही चूहों एवं कीड़े मकोड़ों के प्रकोप से भी धान की रक्षा हो सकेगी। किसानों से खरीदे गए धान के समूचित रख.रखाव करने के उद्देश्य से दुर्ग जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 33 पक्के धान चबूतरों का निर्माण कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं राज्य प्रवर्तित योजना की ब्याज की राशि से स्वीकृत किया गया है। सीईओ जिला पंचायत श्री सच्चिदानंद आलोक ने 30 जून तक निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश मैदानी अमलों को दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि युद्धस्तर पर चबूतरा निर्माण का काम पूरा करें ताकि इसी मौसम में उनका उपयोग किया जा सके। चबूतरों का निर्माण तेजी से जारी अभिसरण अंतर्गत मनरेगा और 14वें वित्त की राशि से हो रहा है निर्माण.। सीईओ जिला पंचायत दुर्ग सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि जनपद पंचायत पाटन व धमधा में 15-15 नग और जनपद पंचायत दुर्ग में 3 नग चबूतरों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसके लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं राज्य प्रवर्तित योजना की ब्याज राशि को मिलाकर 33 चबूतरों के निर्माण के लिए लगभग 65.79 लाख रूपए स्वीकृति किए गए हैं। जनपद पंचायत धमधा की 5 ग्राम पंचायतों, पाटन की 3 ग्राम पंचायतों और दुर्ग की एक ग्राम पंचायत में अभी निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।