बिना आय वाले लोगों की संख्या अभी भी महामारी से पहले के स्तर से अधिक: स्टडी- Number of people without income still exceeds levels before corona epidemic study | nation – News in Hindi


सांकेतिक तस्वीर
अध्ययन (study के अनुसार, आय सृजन और उपभोग के आंकड़ों के आधार पर देश की गरीब आबादी पर इस महामारी का व्यापक असर पड़ा है. कंपनी ने मई महीने में करीब पांच लाख लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.
ऋण से संबंधित जोखिमों का आकलन करने वाली कंपनी क्रेडिटविद्या का कहना है कि अप्रैल में कुल श्रम बल के नौ प्रतिशत के बराबर लोगों की शून्य आय थी. ऐसे लोगों की संख्या मई महीने में कम होकर साढ़े प्रतिशत पर आयी है. हालांकि, यह अभी भी कोरोना वायरस महामारी से पहले के छह प्रतिशत की तुलना में ऊंची है.
लॉकडाउन से बंद हुआ कामकाज
इससे पहले शोध व परामर्श देने वाली निजी संस्था सीएमआईई ने भी कहा था कि देश में बेरोजगारी तीन मई को 27 प्रतिशत पर पहुंच गयी. हालांकि, बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ. देश में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था. अभी भी आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से चालू नहीं हो पायी हैं, क्योंकि कई पाबंदियां अभी भी लागू हैं. ऐसे में लाखों लोगों का काम धंधा बंद हो गया और वे बेरोजगार हो गये.अध्ययन के अनुसार, आय में सुधार नहीं हुआ है, क्योंकि एक महीने में तीन हजार रुपये से कम आय वाले कार्यबल का प्रतिशत कुल कार्यबल के 24 प्रतिशत पर बना हुआ है. यह महामारी से पहले 15 प्रतिशत था. उसने कहा, “कोविड -19 ने उपभोक्ता अर्थव्यवस्था के भीतर कमियों को बढ़ाया है, विशेष रूप से आय में असमानता को.” कंपनी ने आम लोगों के लिये आंकड़े जुटाने में मदद के लिये मई माह से एक मासिक डैशबोर्ड की शुरुआत की है.
First published: June 25, 2020, 10:46 PM IST