छत्तीसगढ़

पत्रकारिता जिसे चौथा स्तंभ भी कहा जाता है

 

कान्हा तिवारी

 

जांजगीर चांपा:- पत्रकारिता जिसे चौथा स्तंभ भी कहा जाता है . पत्रकारिता जनता को समसामयिक घटनाएं वस्तुनिष्ठ तथा निष्पक्ष रुप से उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण कार्य है .सत्य की आधार शीला पर पत्रकारिता का कार्य आधारित होता है तथा जनकल्याण की भावना से जुड़कर पत्रकारिता सामाजिक परिवर्तन का साधन बन जाता है. पत्रकारों की जिम्मेदारी होती है कि शासन प्रशासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना और जनता की समस्या को शासन प्रशासन तक पहुंचाना उनका एक कर्तव्य होता है. अगर सिस्टम में कहीं लापरवाही होता है उसे भी उजागर करने की जिम्मेदारी भी पत्रकारों की होती है ताकि वह सिस्टम में सुधार हो और शासन की तमाम योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचे लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि लापरवाह सिस्टम को उजागर करने पर लापरवाह सिस्टम के जिम्मेदार अपनी गलती को छुपाने के लिए पत्रकारों के ऊपर ही अनर्गल आरोप लगा देते हैं ताकि भविष्य में पत्रकारों की आवाज दब जाए. अरुण की कमजोरी किसी के सामने ना आए और उनका यह लापरवाह सिस्टम लंबे समय तक चलते रहे.

ऐसा ही मामला विधानसभा अध्यक्ष के गृह जिले स्वास्थ्य मंत्री के प्रभारी जिले जांजगीर-चांपा में देखने को मिल रहा है जहां जिले के मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत फगुरम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लापरवाह चिकित्सक एवं स्टाफ के खिलाफ मीडिया समाचार पत्रों में खबर चली थी. दरसल में फगुरम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी एवं स्टाफ ड्यूटी से हमेशा नदारद रहते हैं. जिसकी वजह से क्षेत्रवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वही देश में कोरोना काल के दौरान एस्मा एक्ट लागू है .लेकिन इनके हौसले इतने बुलंद है की सरकार के तमाम आदेशों के बावजूद भी इनकी मनमानी यहां देखने को मिल रही है. वही यहां स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरीके से चरमराई हुई है. जिसकी खबर पत्रकारों ने चलाई खबर चलने के बावजूद भी जब कार्यवाही लापरवाह पर नहीं हुई तो मीडिया ने इस खबर को लगातार शासन प्रशासन के सामने लाई बावजूद भी कार्यवाही नहीं हुई फिर बौखलाए पीएचसी प्रभारी राजकुमार गवेल ने पत्रकारों के खिलाफ झूठी शिकायत की सबसे पहले तो खबर चलाने वाले मीडिया संस्थान के नाम पर फर्जी शिकायत की इसके बाद भी बात नहीं बनी तो पत्रकारों के खिलाफ भी सप्ताह भर बाद फर्जी शिकायत कर दी. शिकायत में कहा गया कि पत्रकारों द्वारा उसे फोन किया गया था लेकिन पत्रकार कोई भी खबर लगाने से पहले सामने वाले का पक्ष भी जानना चाहता है कि उसे इस मामले में क्या कहना है और उसी फोन कॉल को मुद्दा बनाकर शिकायत कर दी .वही बिना सबूत के पत्रकारों के खिलाफ फर्जी शिकायत पर पत्रकार जगत में रोष व्याप्त है.

जिमेदारो को दी ज्ञापन …कहा झूठी शिकायत के आधार पर होगी कार्यवाही तो पत्रकार करेंगे आंदोलन

जिसके बाद पत्रकार लामबंद होकर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस चंद्रपुर डभरा को ज्ञापन सौंपा साथ ही साथ इसकी प्रतिलिपि गृह मंत्री ,पुलिस महानिदेशक ,पुलिस महा निरीक्षक बिलासपुर, पुलिस अधीक्षक जांजगीर ,कलेक्टर जांजगीर चाम्पा , को भी भेजा गया, जिसमें पत्रकारों ने बिना किसी राजनीतिक दबाव के निष्पक्ष जांच की मांग की है साथ ही साथ पत्रकारों ने यह भी कहा है कि अगर झूठी शिकायत के आधार पर पत्रकारों पर एफ आई आर दर्ज होता है तो पत्रकार भविष्य में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.

वही पत्रकारों ने कहा कि इस तरीके से झूठी शिकायत करना पत्रकारों को दबाने की कोशिश की जा रही है .ताकि भविष्य में इनकी लापरवाही का उजागर ना हो वहीं इस मामले में गवाह बनने वाले डॉक्टर कृष्णा सिदार के बारे में भी कहा गया कि इनकी लापरवाही मालखरौदा में लगातार देखने को मिल रही है .वही मालखरौदा क्षेत्र के पत्रकारों द्वारा खबर लगाने पर मालखरौदा के पत्रकारों पर भी झूठा आरोप लगाया गया है .इस बात से अंदाजा आप लगा सकते हैं कि किस तरीके से लापरवाहो की लापरवाही उजागर करने पर पत्रकारों को झूठे केस में फंसाने के नियत से किस तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है.

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