पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओं द्वारा दस हजार रूपये मांगने का लगाया आरोप ठेकेदार ने कलेक्टर से किया शिकायत ठेकेदार ने एसडीओं से बिल पास के एवज में दस हजार रूपये मांगने का लगाया आरोप

DURG:-लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार और फाईलों को आगे बढाने और बिल पास कराने के मामले के की शिकायत लगातार आते रही है। इस बार इस लेन देने का खुलासा सार्वजनिक तौर पर हो गया। ये एक ऐसा विभाग है जहां बिना लेने देन के कोई कार्य ही नही होता। ठेकेदारों द्वारा बेहद ही घटिया कार्य करके लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर टेबल के नीचे से अधिकारी लेनदेन कर बिल पास करते है। भले ही निर्माण के कुछ ही दिनों बात निर्माण कराये गये बिल्डिंगों मे दरार पडने लगता है, पहले ही बरसात में सीपेज आम बात है। वही इस विभाग द्वारा करायेजाने वाले सड़के के डामरीकरण में भी अधिकारियों की मिलीभगत के कारण एकदम घटिया कार्य होता है जो एक बरसात भी नही झेल पाता और उसके उपर से थूक पालिस का कार्य किया जाता है। कभी कभी लोकनिर्माण के अधिकारियों द्वारा कराये गये कार्य के बिल पास करने के लिए डिमांड अधिक हो जाता है। इसी प्रकार का एक मामला इस विभाग का सामने आया है जो फाईल पास करने के एवज में एसडीओं सुशील कुमार उरकुरे के विरूद्ध एक ठेकेदार ने दस हजार रूपये मांगने की शिकायत कलेक्टर से की है। हालांकि इस मामले में एसडीओ द्वारा भी अपना तर्क दिया गया है कि इस विभाग का एक कर्मचारी अपने बेटे की आड़ में ठेकेदारी का कार्य कराया जा रहा है,जो कि नियम के विरूद्ध है। कुछ भी इस विभाग का पोल अब अधिकारी और कर्मचारी के आपसी झगड़े से समाने आ रहा है। इसमें ठेकेदार ने एसडीओ सुशील कुमार उरकुरे के खिलाफ फाइल बढ़ाने के एवज में पैसे की डिमांड का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की है। जबकि एसडीओ का कहना है कि अपने बेटे की आड़ में विभाग का ही एक कर्मचारी ठेकेदारी करता है। जिसने माहौल बनाने के लिए गलत शिकायत की है। पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर और कलेक्टोरेट में की गई है। शिकायतकर्ता सन साइन कंस्ट्रक्शन का कहना है कि चीची आयुर्वेदिक अस्पताल के निर्माण का उसे ठेका दिया गया। काम पूरा होने के बाद परफॉर्मेंस गारंटी की मियाद इस साल मार्च में पूरी हो गई। आवेदन करने पर 10 हजार की डिमांड रख दी। नहीं देने पर चार महीने से फाइल अटका रखी है।
विभाग में दहशत बनी हुई है
पीडब्ल्यूडी के नियम के मुताबिक किसी भी कर्मचारी के परिवार का कोई सदस्य उसी यूनिट में ठेकेदारी नहीं कर सकता है। जिसमें कर्मचारी तैनात हो। लेकिन टाइम कीपर की पोस्ट पर कार्यरत कर्मचारी दबंगई के बल पर विभाग में बेटे के नाम से ठेकेदारी कर रहा है। विरोध करने पर अधिकारी से मारपीट पर उतारू हो जाता है। पिछले एसडीओ और एक सब इंजीनियर के साथ ऐसी घटना होने से विभाग में उसकी दहशत बनी हुई है।
सुशील कुमार उरकुरे
एसडीओ , पीडब्ल्यूडी