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भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत लगभग 12 घंटे बाद खत्म | india china faceoff Second Round of Talks Between Indian Chinese Army End after 12 Hours | nation – News in Hindi

भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत लगभग 12 घंटे बाद खत्म; सैनिकों को अलग रखने पर हुई बात

बातचीत में भारतीय पक्ष का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया

भारत और चीन (India-China) की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की वार्ता 12 घंटे बाद खत्म हो है. ये बैठक पूर्वी लद्दाख क्षेत्र (Ladakh) में तनाव को कम करने के लिए एलएसी (LAC) पर चीन की तरफ चुशुल के मोल्डो में सुबह 11: 30 बजे शुरू हुई थी.

नई दिल्ली. भारत और चीनी सेना (India-China Troops) के बीच पिछले हफ्ते गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कम करने के उद्देश्य से सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की वार्ता करीब 12 घंटे बाद भी खत्म हो गई है. ये बैठक पूर्वी लद्दाख क्षेत्र (Ladakh) में तनाव को कम करने के लिए एलएसी (LAC) पर चीन की तरफ चुशुल के मोल्डो में सुबह 11: 30 बजे शुरू हुई थी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत में बनी सहमति को लागू करने समेत विश्वास बहाली के उपायों को लागू किए जाने की उम्मीद है.

बातचीत में भारतीय पक्ष का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर ने किया. यह बैठक गलवान घाटी में 15 जून को हुए संघर्ष के बाद दोनों पक्षों में बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में हुई. यह बीते 45 सालों के दौरान सीमा पर हुआ सबसे गंभीर टकराव था. गलवान में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने का विरोध करने पर चीनी सैनिकों ने पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था. झड़प के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने के लिये कम से कम तीन बार मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हो चुकी है.

शीर्ष कमांडरों ने की समीक्षा
भारतीय सेना (Indian Army) के शीर्ष नेतृत्व ने गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के वीरगति को प्राप्त होने के बाद पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में गतिरोध और चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति के संबंध में सोमवार को व्यापक चर्चा की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन कमांडरों ने लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh), उत्तराखंड (Uttrakhand) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में एलएसी पर भारत की सुरक्षा तैयारियों की समग्र समीक्षा की. सूत्रों ने बताया कि थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे (MM Naravane) ने कमांडरों को समूची स्थिति से अवगत कराया जिसके बाद मामले पर विस्तृत चर्चा हुई.साल में दो बार होने वाले कमांडर सम्मेलन का यह दूसरा चरण है. सम्मेलन का पहला चरण पिछले महीने हुआ था. गलवान घाटी की घटना के बाद सरकार ने 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को ‘‘पूरी आजादी’’ दे दी है.

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भारत ने बताया था पूर्वनियोजित कार्रवाई
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बुधवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ टेलीफोन पर की गई बातचीत में इस झड़प को पीएलए की “पूर्वनियोजित” कार्रवाई बताया था. इस घटना के बाद सरकार ने चीन के साथ लगने वाली 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिये सशस्त्र बलों को “पूरी छूट” दे दी है.

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सेना ने बीते एक हफ्ते में सीमा से लगे अग्रिम ठिकानों पर हजारों अतिरिक्त जवानों को भेजा है. वायुसेना ने भी झड़प के बाद श्रीनगर और लेह समेत अपने कई अहम ठिकानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के साथ ही अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है.

पूर्वी लद्दाख के गलवान और कुछ अन्य इलाकों में दोनों सेनाओं के बीच पांच मई से ही गतिरोध बना हुआ है जब पैंगोंग सो के किनारे दोनों पक्ष के सैनिकों में झड़प हुई थी.



First published: June 22, 2020, 8:51 PM IST



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