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Jagannath Rath Yatra: जगन्‍नाथ रथ यात्रा को SC ने शर्तों के साथ दी मंजूरी, पुरी में 24 जून तक शटडाउन | supreme court allows puri jagannath rath yatra amid coronavirus pandemic | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Covid Pandemic) के खतरे को देखते हुए ओडिशा में भगवान जगन्नाथ (Puri Jagannath Rath Yatra) की रथ यात्रा पर लगाई गई रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इस मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए इसे सार्वजनिक भागीदारी के बिना आयोजित किया जा सकता है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में होने वाली भगवान जगन्‍नाथ की रथ यात्रा के आयोजन को मंजूरी दे दी है. सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी है. रथ यात्रा को मद्देनजर पूरे पुरी में सोमवार रात 9 बजे से बुधवार दोपहर 2 बजे तक पूर्ण शटडाउन की घोषणा की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि हम यह राज्‍य सरकार के ऊपर छोड़ते हैं कि वह लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा पर खतरा होने पर धार्मिक आयोजन को रोकने के लिए स्‍वतंत्र है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य से समझौता किए बिना मंदिर कमेटी, राज्‍य सरकार और केंद्र सरकार के समन्‍वय से यह आयोजन किया जा सकता है. ओडिशा सरकार ने जानकारी दी है कि पुरी होने वाली जगन्‍नाथ रथ यात्रा को लाइव टेलीकास्‍ट करने का इंतजाम चल रहा है ताकि भक्‍त घर बैठे भगवान के दर्शन कर पाएं.

ओडिशा के मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक ने रथ यात्रा की मंजूरी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्‍यवाद दिया. उन्‍होंने समन्‍वय के लिए केंद्र सरकार का भी आभार व्‍यक्‍त किया. उन्‍होंने कहा कि ओेडिशा सरकार और श्री जगन्‍नाथ मंदिर प्रशासन रथ यात्रा को लेकर पूरी तरह से तैयार है. कोविड 19 महामारी के समय रथ यात्रा का आयोजन चुनौती है. पुरी में रथ यात्रा की देखरेख के लिए 3 मंत्री मौजूद रहेंगे.

 

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते इस साल की भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) पर रोक लगाने के अपने 18 जून के आदेश में सुधार का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई की. सीजेआई एसए बोबड़े ने पुरी रथ यात्रा के आयोजन को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया था.

 

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य और उनकी सुरक्षा के साथ समझौता नहीं कर सकते. अगर रथ यात्रा के कारण कोविड 19 का जरा सा भी प्रसार हुआ तो यह विनाशकारी हो सकता है क्‍योंकि इसमें बड़ी संख्‍या में लोग एकत्र होते हैं.’

सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद ओडिशा के मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘जय जगन्‍नाथ’. इसके साथ ही उन्‍होंने सोमवार शाम को भुवनेश्‍वर में रथ यात्रा की तैयारियों के संबंध में बैठक बुलाई है.

 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह संकेत दिया था कि राज्‍य सरकार को कुछ गाइडलाइंस के साथ जगन्‍नाथ रथ यात्रा आयोजन की अनुमति मिल सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस रथ यात्रा में शंकराचार्य को जुड़ने की कोई जरूरत नहीं है. ओडिशा सरकार ने कहा कि वो पूरे राज्‍य में कहीं भी रथ यात्रा नहीं चाहती. सुप्रीम कोर्ट ने स्‍पष्‍ट किया कि यह सुनवाई सिर्फ पुरी और रथ यात्रा के संबंध में है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी. उन्‍होंने कहा, ‘आज हम सबके लिए खास दिन है. खासकर ओडिशा के भाई बहनों और महाप्रभु श्री जगन्‍नाथ जी के भक्‍तों के लिए. पूरा देश सुप्रीम कोर्ट की ओर से रथ यात्रा की मंजूरी दिए जाने को लेकर खुश है.’

 

केंद्र ने और क्या कहा?
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘सदियों की परंपरा को रोका नहीं जा सकता, क्योंकि यह करोड़ों लोगों की आस्था की बात है. अगर भगवान जगन्नाथ 23 जून को नहीं आएंगे, तो वे परंपराओं के अनुसार 12 साल तक नहीं आ सकते हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि महामारी ना फैले, सावधानी बरतते हुए राज्य सरकार एक दिन के लिए कर्फ्यू लगा सकती है.’

ये भी पढ़ें:- कोरोना संक्रमण के चलते नहीं निकलेगी जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा, इस्कॉन में होगी डिजिटल यात्रा

तुषार मेहता ने कहा, ‘शंकराचार्य द्वारा तय किए गए अनुष्ठानों में वो सभी सेवायत भाग ले सकते हैं, जिनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव है. लोग जगन्नाथ यात्रा को टीवी पर लाइव टेलीकास्ट देख सकते हैं और भगवान का आशीर्वाद ले सकते हैं.’ सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पुरी के राजा और मंदिर समिति इन अनुष्ठानों की व्यवस्था की देखरेख कर सकते हैं, ताकि कोरोना महामारी को फैलने से रोका जा सके.

दरअसल, पुरी से लोकसभा चुनाव लड़ चुके बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने अनुरोध किया था कि वह कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर पुरी की भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा पर रोक लगाने वाले अपने आदेश की समीक्षा करे. याचिका में कहा गया है कि भगवान जगन्नाथ के उन 800 सेवायतों के माध्यम से भक्तों की मंडली के बिना रथ यात्रा आयोजित करने की अनुमति दी जा सकती है, जो सेवायत कोविड टेस्ट में निगेटिव आते हैं.

पुरी में भगवान जगन्नाथ (Puri Jagannath Rath Yatra) रथयात्रा पर रोक के खिलाफ 20 से ज्यादा याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है. यह रथयात्रा 23 जून से शुरू होनी है.



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