आईआईटी भिलाई में हुई भारतीय महिलाएँ एवं गणित अनुसंधान और अवसर पर क्षेत्रीय कार्यशाला

दुर्ग / भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई के गणित विभाग ने भारतीय महिलाएँ एवं गणित (आई.डब्लु.एम.)के सहयोग से अनुसंधान और अवसरÓÓ विषय पर आई.डब्लु.एम. की क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला को भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के राष्ट्रीय उच्च गणित बोर्ड (एनबीएचएम) के द्वारा वित्त पोषित किया गया था। हालांकि, कोविड-19 की आवश्यक सावधानियों को ध्यान में रखते हुए अधिकांश वक्ताओं और प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में ऑनलाइन भाग लिया, केवल रायपुर, भिलाई और आसपास के क्षेत्रों के सीमित दर्शकों ने कार्यशाला में उपस्थिति दर्ज कराई। उद्घाटन सत्र के दौरान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई के निदेशक प्रोफेसर रजत मूना, गणित विभाग के प्रमुख-प्रोफेसर पी. डी. श्रीवास्तव, आई.डब्लु.एम. की कार्यकारी समिति की अध्यक्ष-प्रोफेसर नीला नटराज और कार्यशाला संयोजक-प्रोफेसर गीता वेंकटरमण ने गणित में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक महिला गणितज्ञों को प्रेरित और प्रोत्साहित किया। प्रोफेसर नीला नटराज ने भारतीय महिला एवं गणित (आई.डब्लु.एम.)संगठन के विभिन्न उद्देश्यों और गतिविधियों का उल्लेख किया। प्रोफेसर रुक्मिणी डे, डॉ अमितकुल श्रेष्ठ, प्रोफेसर राम रावत और प्रोफेसर बी. श्री पद्मावती जैसे भारत के प्रसिद्द गणितज्ञ कार्यशाला में सम्मिलित हुए एवं शुद्ध और अनुप्रयुक्त गणित से संबंधित विभिन्न विषयों पर आकर्षक व्याख्यान दिए। डॉ. स्वागत सरकार, यूएम-डीएई सीईबीएस, मुंबई ने उच्च गणित में विभिन्न शैक्षिक योग्यताओं पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने केवीपीवाई स्कॉलरशिप, सीएसआईआरकी अनुसंधान अध्येता वृत्ति, डीएसटी इंस्पायर, गेट शिक्षण सहायता, एनबीएचएम-पोषण कार्यक्रम और सांस्थानिक छात्रवृत्ति एवं ट्यूशन फीस में छूट जैसी विभिन्न स्नातक छात्रवृत्तियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने अपने व्याख्यान के निष्कर्ष में गणित विषय में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक व्यवसाय के पारंपरिक अवसरों के साथ ही गणित विषय के अन्य कैरियर अवसरों जैसे बायोमैथेमैटिक्स, जलवायु विज्ञान, कंप्यूटर एनीमेशन और वित्त की जानकारी दी।