छत्तीसगढ़

स्व-सहायता समूह, गौठान समिति, चरवाहों की हुई संयुक्त बैठक

स्व-सहायता समूह, गौठान समिति, चरवाहों की हुई संयुक्त बैठक,

रिपोर्ट कान्हा तिवारी

जिले के गौठानो में हर्षोल्लास पूर्वक आयोजित हुआ “रोका-छेका” पर्व,

स्व-सहायता समूह, गौठान समिति, चरवाहों की हुई संयुक्त बैठक,

कलेक्टर ने ग्राम खटोला के गौठान परिसर में ली बैठक,

फसल सुरक्षा के लिए मवेशियों को आज से गौठान में रखने पशुपालकों ने लिया संकल्प 

 

जांजगीर-चांपा 18 जून 2020/ राज्य सरकार की पहल पर आज जिले के सभी गौठानों में रोका-छेका पर्व का मनाया गया। फसल सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ में रोका-छेका की पुरानी परंपरा रही है। इसे पुनः प्रारंभ करने के लिए आज कलेक्टर श्री यशवंत कुमार के मार्गदर्शन में विशेष अभियान आयोजित किया गया । कलेक्टर श्री यशवंत कुमार ने अकलतरा तहसील के ग्राम खटोला में गौठान समिति, स्व-सहायता समिति के पदाधिकारियों, चरवाहों ,त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक में कहा कि फसल सुरक्षा के लिए किसानों की पुरानी परंपरा रोका-छेका को पुनः प्रारंभ किया जा रहा है। फसल सुरक्षा के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है। फसल की सुरक्षा के लिए खेतों को लकड़ी, बाड़ से घेरने के बजाय गौठान परिसर में मवेशियों को नियंत्रित किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि मवेशियों के अपशिष्ट से फसल के लिए उपयोगी जैविक खाद, गोबर गैंस का भी उत्पादन होगा। गांवों में गठित गौठान समिति खाद, गोबर गैंस, चारागाह में उत्पादित सब्जी, मसाला आदि बेचकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेगी। इस अवसर पर कलेक्टर ,जिला पंचायत सीईओ श्री तीर्थ राज अग्रवाल, अकलतरा जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती शिवानी सिंह ने गौठान परिसर में नीम के पौधे का रोपण किया ।
कलेक्टर ने गौठान समिति, स्व-सहायता समूह, चरवाहा ,गांव के जन प्रतिनिधियों से कहा कि जिले के विभिन्न गांव में गौठान बनाए गए हैं। जहां पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए चारागाह, पानी, शेड आदि की व्यवस्था की गई है। गौठान के चारागाह में नेपियर घास और स्व-सहायता समूहों द्वारा सब्जी भाजी मसाला आदि का उत्पादन शुरू हुआ है। राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। समूहों को सक्षम बनाने के लिए शासन की योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि गौठान समितियों को उनकी रुचि के अनुसार मिनी राइस मिल भी उपलब्ध कराया जाएगा।

समूहों द्वारा उत्पादित सब्जी खरीद कर प्रोत्साहित किया –

कलेक्टर ने गौठान समिति से जुड़े महिला स्व-सहायता समूह से चर्चा की और उनके द्वारा बाड़ी में लगाए गए सब्जी भाजी का अवलोकन किया। महिला समूह के सदस्यों को प्रोत्साहित करते हुए कलेक्टर ने करमत्ता भाजी, लाल भाजी, गंवारफल्ली, खीरा, डोड़का की खरीदी की।
गौठान परिसर पर अन्य स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित अगरबत्ती, मिट्टी के गुलदस्ते, खिलौने, छत्तीसगढ़ी पकवान आदि की भी प्रदर्शनी लगाई थी। कलेक्टर ने सभी स्व सहायता समूहों को उत्पादित सामग्री को बाजार में उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया। पात्र समूहों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। गौठान परिसर पर मशरूम उत्पादन, डबरी में मछली पालन, पौधे तैयार करने के लिए नर्सरी की तैयारी का अवलोकन किया।
कलेक्टर ने गौठान परिसर पर पशुधन विकास विभाग द्वारा लगाए गए स्टाल का भी अवलोकन किया। उपस्थित अधिकारियों से कहा कि इलाज के साथ-साथ पंजी संधारण को भी महत्व दें । ताकि इससे मवेशियों में ज्यादातर होने वाली बीमारियों के कारण का भी विश्लेषण किया जा सके और पशुओं के लिए दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। कलेक्टर ने बीमार पशुओं को गौठान में अन्य पशुओं से अलग रखने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर एसडीएम जांजगीर श्रीमती मेंनका प्रधान, जनपद सीईओ, जिला पंचायत के पूर्व सदस्य श्री सुशांत सिंह, कृषि ,राजस्व, वेटनरी, उद्यान, पंचायत, फिशरी, एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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