मध्यप्रदेश

नए प्रभारी के पदभार संभालते ही माड़ा पुलिस के संरक्षण में मशीनों से होने लगा रेत उत्खनन – कामरेड संजय नामदेव

*नए प्रभारी के पदभार संभालते ही माड़ा पुलिस के संरक्षण में मशीनों से होने लगा रेत उत्खनन – कामरेड संजय नामदेव

ब्यूरो रिपोर्ट मध्य प्रदेश सिंगरौली

आपको बता दे कि जीवन दायनी नदियों का अस्तित्व धीरे धीरे समाप्त होते जा रहा है सिंगरौली जीले के माड़ा थाना अंर्तगत रजमिलान, रम्पा से नदियों का मशीन से सीना छल्ली कर रेत निकासी का काम हो रहा है एटक यूनियन के के प्रदेश सचिव व सीपीआई पार्टी के राज्य परिषद सदस्य कामरेड संजय नामदेव ने कहा कि माड़ा में जब से नए

 

थाना प्रभारी ने पदभार संभाला है तब से माड़ा पुलिस के संरक्षण में जेसीबी से रेत निकासी की जा रही है इतना ही नही आवंटित खदान से ज्यादा के क्षेत्र से अवैध रेत उत्खनन हो रहा है आपको बता दे कि आये दिन चेकिंग के नाम पर दो पहिया और छोटी गाडियो को परेशान करने वाले माड़ा के नए थाना प्रभारी को बड़ी और ओवर लोड गाड़िया दिखाई नही देती जब उन्हें कोई मशीन और अवैध रेत के बारे में सूचना देता है तो माड़ा थाना प्रभारी का कहना रहता है कि वो माइनिंग का काम है

*नदी का सीना छलनी करते रहे खनन करने वाले, सिसकती रही नदिया, सिस्टम बना रहा अंधा*

माड़ा थाना अंर्तगत नदिया सिसक-सिसक कर दम तोड़ रही है और सिस्टम है कि अंधा बना हुआ है।बालू माफिया कानून को ताक पर रख जेसीबी से इसकी छाती छलनी करते रहे।

ऐसा नहीं कि खनिज विभाग के अधिकारी, पुलिस और जिला प्रशासन के लोग इससे अनभिज्ञ थे। सब कुछ उनके सामने था, पर जुबान बंद थी। वजह क्या थी, यह शोध का विषय है। बालू खनन अधिनियम में यह साफ लिखा है कि नियम का पालन नहीं करने वाली कंपनी पर मुकदमा होगा। आज तक कंपनी पर एक भी मुकदमा विभाग ने दर्ज नहीं कराया। विभाग की मौन सहमति रही

*माड़ा पुलिस ने देखना तक मुनासिब नहीं समझा*

सूत्र कहते है कि माड़ा थाना प्रभारी को सूचना देने के बाद भी पुलिस कभी देखने तक नहीं गए कि खनन करने वाले मानक का पालन कर रहे हैैं या नहीं। खनन नियमों की धज्जियां उड़ती रहीं और पुलिस आंखे मूंदे रहा।

*मजदूरो का भी हो रहा पलायन,तो कोई रोजगार के लिए भटक रहा*

खनन नियमावली बनी तो उसमें स्पष्ट लिखा गया कि खनन में मजदूरों को लगाया जाए। खनन फावड़े और बेलचा से हो। ताकि नदी को नुकसान न हो। इससे स्थानीय मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा। जेसीबी से खनन किया जा रहा है। इस कारण बड़ी संख्या में मजदूरों का रोजगार भी छिन गया। बताते हैैं जिस इलाके में खनन हुआ उस इलाके के मजदूर दूसरी जगह जाकर काम करते हैैं।लॉक डाउन में मजदूरो की हालत दयनीय है खाने के लाने पड़े है लेकिन माड़ा थाना अंतर्गत मजदूरो की जगह जेसीबी से रेत खनन किया जा रहा है जिससे वहाँ के मजदूर बेरोजगारी झेल रहे है

*खनन के नियम*

– नदी तल से खनन की अधिकतम गहराई उस समय बिना खोदाई वाले तल स्तर से तीन मीटर अथवा जल स्तर जो भी कम हो, अधिक नहीं होगी।

-उत्खनन के दौरान निर्मित सभी गड्ढे नियमित आधार पर भर दिए जाएंगे।

-नदी तल तक एप्रोच रोड का निर्माण बंदोबस्तधारी करेंगे।

-पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के अपनाते हुए बालू का खनन किया जाएगा।

-रोजगार सृजन सुनिश्चित कराने के लिए बंदोबस्तधारियों की संख्या में वृद्धि करना

-बालू ढोने वाले वाहनों को तारपोलीन से कवर किया जाए।

-नदी के तीन सौ मीटर की दूरी पर बालू की लोडिंग की व्यवस्था होगी

-बालू ढोने वाले वाहनों से सड़क पर पानी नहीं टपके ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।

-मशीन से खोदाई नहीं कराकर मजदूरों से खोदाई करानी होगी।

*पत्रकारो के साथ माड़ा पुलिस ने की बत्तमीजी*

आपको बता दे कि जब माड़ा थाना प्रभारी डीएसपी चंद शेखर पांडे चेकिंग लगाए थे उस समय सड़क पर घंटो लंबा जाम लग गया था जिस पर एक पत्रकार ने चेकिंग के बारे में पूछा कि किस बात की चेकिंग हो रही है तो माड़ा थाना में पदस्थ लेखचंद्र डोहर ने पत्रकारो से बत्तमीजी करते हुए कहा कि आप प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति है जो आपको बता दे कि क्यो चेकिंग कर रहे हैं ताज्जुब की बात यह है कि उस समय जिम्मेदार माड़ा थाना प्रभारी डीएसपी चंद्रशेखर पांडेय वहाँ मौजूद थे लेकिन उनके द्वारा भी चेकिंग के बारे में नही बताया गया कि काहे की चेकिंग चल रही है जबकि वहाँ चेकिंग के कारण लंबा जाम लग गया था उल्टा पत्रकारो से बदसुलूकी करने लगे

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