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जानें क्यों, टूरिस्ट भेजने से पहले हॉस्पिटल में बेड की गारंटी मांग रहे विदेशी टूर ऑपरेटर्स-Foreign tour operators are demanding a guarantee for sufficient available beds in the hospital before starting their trade dlnh | delhi-ncr – News in Hindi

नई दिल्ली. लॉकडाउन (Lockdown) और कोविड 19 (Covid 19) के चलते कई इंडस्ट्री में कारोबार को लेकर उथल-पुथल मची हुई है. उसी में से एक है होटल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री. कुछ दिन पहले देश-विदेश के मास्टर टूर ऑपरेटर्स की एक वेबिनार हुई थी. इस वेबिनार (Webinar) में विदेशों के बड़े टूर ऑपरेटर्स ने जो बोला उससे भारत के होटल एंड टूरिज्म (Tourism) इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों के होश उड़े हुए हैं.

वेबिनार में विदेशी ऑपरेटर्स ने शर्त रखी है कि अगर हमारे टूरिस्ट को भारत में कुछ हो जाता है तो उसे अस्पताल (Hospital) में बेड दिलाने की गारंटी आप लेते हैं. जिसके बाद से कारोबारियों का कहना है कि अब लगता नहीं कि यह इंडस्ट्री 2 साल से पहले पटरी पर आ पाएगी. आ भी गई तो पहले जैसे हालात नहीं होंगे.

ताजमहल-सीकरी देखने के लिए आने वाले टूरिस्ट की संख्या

आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से मिले आंकड़ों के अनुसार मार्च, अप्रैल, मई और जून में विदेशी कम और देशी टूरिस्ट ज़्यादा आते हैं. अक्टूबर से मार्च तक ताजमहल देखने के लिए आने वाले विदेशी टूरिस्ट की संख्या हर महीने 60 हज़ार से एक लाख तक होती है. अप्रैल से जून में यही संख्या 20 से 50 हज़ार हो जाती है. जबकि मार्च से जून तक ही महीने भारतीय टूरिस्ट की संख्या 4 से 5 लाख तक रहती है. मार्च से जून तक हर महीने विदेशी टूरिस्ट 15 से 20 हज़ार और भारतीय टूरिस्ट 30 से 40 हज़ार तक आते हैं.

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दिल्ली में भी खूब आते हैं भारतीय और विदेशी टूरिस्ट

दिल्ली आने वाले सभी भारतीय और विदेशी टूरिस्ट का एक महीने का एवरेज निकालें तो वो भी कम नहीं है. 25 से 30 हज़ार विदेशी और 2 से 2.5 लाख भारतीय टूरिस्ट हर महीने दिल्ली में कुतुबमीनार, लालकिला और हुमांयू का मकबरा देखने आता है. भारतीय टूरिस्ट की बात करें तो सबसे ज़्यादा भीड़ कुतुबमीनार और लालकिला पर रहती है. वहीं विदेशी टूरिस्ट की भीड़ हुमांयू का मकबरा और कुतुबमीनार पर रहती है.

यूपी, राजस्थान और हिमाचल-उत्तराखंड में ज़्यादा आते हैं विदेशी

गाइड एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शमशुउद्दीन बताते हैं कि देश में सबसे ज़्यादा विदेशी टूरिस्ट नॉर्थ इंडिया में आता है. कुतुबमीनार, लालकिला, ताजमहल, फतेहपुर सीकरी समेत दूसरी इमारतों को देखने के लिए विदेशी टूरिस्ट सबसे ज़्यादा आगरा, दिल्ली और राजस्थान में आता है. हिन्दू धर्म के बारे में जानने के लिए वो इलाहबाद और बनारस जाता है. पहाड़ी एरिया देखने के ख्वाहिश रखने वाला विदेशी टूरिस्ट उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश चला जाता है.

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यहां का माधवेन्द्र महल काफी महत्वपूर्ण है. (फाइल फोटो)

मंत्री खुद बोले 4 महीने में हो गया 8 से 10 लाख करोड़ का नुकसान

टूरिज्‍म डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्‍यक्ष संदीप अरोड़ा बताते हैं कि हाल ही में एक टीवी चैनल पर पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने खुद कहा था कि लॉकडाउन और कोविड 19 के चलते बीते तीन-चार महीने में पर्यटन और इससे जुड़ी इंडस्ट्री को 8 से 10 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है. इंडस्ट्री से जुड़े करीब 3 करोड़ लोग बेरोजगार होने के कागर पर हैं. लेकिन अफसोस की बात यह है कि बावजूद इसके होटल इंडस्ट्री को अनाथों की तरह छोड़ दिया गया है. कारोबार न होने पर भी बिजली का फिक्स चार्ज और सरचार्ज मांगा जा रहा है. इंडस्ट्री के बारे में कोई बात तक करने को तैयार नहीं है.

 

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