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तो इस वजह से वजह से भारतीय सैनिकों ने शहादत दी लेकिन नहीं चलाई गोलियां…_so thats why indian soldiers not opened fire on chinese troops in galwan valley knowat | nation – News in Hindi

तो इस वजह से वजह से भारतीय सैनिकों ने शहादत दी लेकिन नहीं चलाई गोलियां...

सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों भारतीय सैनिकों ने गलवान घाटी में गोली नहीं चलाई (प्रतीकात्मक तस्वीर)

आइए जानते हैं कि आखिर क्यों गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी सैनिकों (Chinese Soldiers) के हमले के बावजूद भारतीय सैनिकों (Indian Soldiers) ने गोलियां नहीं चलाई थीं.

नई दिल्ली. गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी सैनिकों (Chinese Soldiers) के साथ हिंसक झड़प (Violent Clash) को लेकर सवाल किए जा रहे हैं कि आखिर भारतीय सैनिकों ने गोलियां क्यों नहीं चलाईं? राहुल गांधी, कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि ऐसे भीषण हमले की स्थिति में सैनिकों को हथियार का इस्तेमाल करना चाहिए था. आइए जानते हैं कि आखिर चीनियों के हमले के बावजूद भारतीय सैनिकों ने गोलियां क्यों नहीं चलाई थीं.

1993 में हुआ था पहला समझौता
भारत और चीन के बीच सीमाओं पर शांति के लिए पहला एग्रीमेंट 1993 में हुआ था. इस एग्रीमेंट में पहली बार दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line Of Actual Control) तय हुई थी. ये एग्रीमेंट पी.वी नरसिम्हा राव सरकार के समय में हुआ था. लेकिन इसकी शुरुआत राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते 1988 में चीन के दौरे के दौरान की थी.

राजीव गांधी ने की थी शुरुआतराजीव गांधी की इस यात्रा से भारत और चीन के रिश्तों में लंबे समय से आए ठहराव को गति मिली थी. दरअसल राजीव से पहले जवाहर लाल नेहरू ने ही चीन की यात्रा की थी. बीच में किसी प्रधानमंत्री ने चीन की यात्रा नहीं की. लेकिन 1993 में भारत-चीन के एग्रीमेंट को पूरा नहीं माना गया. तीन साल बाद दूसरा एग्रीमेंट हुआ.

1996 का समझौता
इसके बाद 1996 में चीन और भारत के बीच एक और समझौता हुआ. तब एचडी देवेगौड़ा भारत के प्रधानमंत्री थे. इस एग्रीमेंट में तय हुआ कि सैनिक खुद पर नियंत्रण रखेंगे, उकसावे की घटनाएं नहीं होंगी. और विवाद की स्थिति में तुरंत सीनियर्स की सलाह ली जाएगी. लेकिन इस एग्रीमेंट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ये था कि दोनों ही तरफ के जवान एक दूसरे पर गोलियां नहीं चलाएंगे. ये नियम लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दो किलोमीटर के दायरे के लिए था.

1975 से है सीजफायर
भारत और चीन के बीच सीमा पर सीज फायर लागू है. भारत और चीन में किसी ने भी 1975 के बाद सीजफायर नहीं तोड़ा है. यानी सीमा पर गोली नहीं चली है. माना जाता है कि दोनों ओर के सैनिकों को कड़े निर्देश हैं कि वो गोली किसी हालत में नहीं चलाएंगे. ऐसा तभी होगा जबकि उन्हें इसके निर्देश हाईलेबल से दिए जाएंगे.

धक्का-मुक्की और हाथापाई होती रही है
1996 के एग्रीमेंट की वजह से ही जब भी सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव होता है तो सैनिकों के बीच हाथापाई, धक्का-मुक्की तो होती है लेकिन दोनों ही किसी भी तरह के गंभीर झगड़े से बचते हैं. लेकिन इस बार तनाव खासा बढ़ा हुआ है. करीब एक महीने से दोनों फौजें आमने-सामने की स्थिति में हैं.

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First published: June 19, 2020, 10:16 AM IST



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