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खुश ख़बरी,अब घर के पास मिलेंगे 25 तरह के काम, जानें- क्या है “गरीब कल्याण रोजगार अभियान”

गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को बिहार के खगड़िया से गरीब कल्याण रोजगार अभियान को लॉन्च करेंगे. पीएम मोदी इस कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ेंगे. इस योजना में सबसे ज्यादा बिहार के 32 जिलों को जोड़ा गया है.

गरीब कल्याण रोजगार अभियान के बारे में

दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से सरकार को देशभर में लॉकडाउन लागू करना पड़ा, जिससे बड़े शहरों में सभी उद्योग-धंधे बंद होने सेे बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूर अपने गांव-घर लौट चुके हैं. अब केंद्र ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों को उनके जिले में ही रोजगार देने के लिए एक योजना तैयार की है. जिसका नाम ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ दिया गया है.

इन 6 राज्यों से योजना की शुरुआत
योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार मुहैया कराना है. फिलहाल यह अभियान देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में शुरू किया जाएगा. इस योजना की लॉन्चिंग के मौके पर पीएम मोदी के साथ 6 राज्यों के मुख्यमंत्री और सबंद्ध मंत्रालय के मंत्री भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़ेंगे. जिन राज्यों को इस योजना से फायदा होगा उसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा शामिल हैं.

इस योजना की शुरुआत 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से की जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस योजना के तहत कामगारों को 25 प्रकार के काम दिये जायेंगे. इस अभियान की शुरुआत बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर ब्लॉक के तेलिहार गांव से होगी.

सरकार का कहना है कि इस योजना से एक तरफ प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा और दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा. यह केंद्र सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि शुरुआत में 116 जिलों का चयन किया गया है. जिसमें से हर जिले में 25 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन जिलों का चयन किया गया है जहां शहरों से सबसे ज्यादा मजदूर वापस लौटे हैं. ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत साल में 125 दिनों तक रोजगार उपलब्ध कराने की योजना

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