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भारत के खिलाफ चीनी एक्‍शन फाइव फिंगर्स ऑफ तिब्‍बत स्‍ट्रैटजी, तिब्‍बत ने दी चेतावनी | tibet claims china action against india is under five fingers tibet strategy india china dispute | china – News in Hindi

भारत के खिलाफ चीनी एक्‍शन 'फाइव फिंगर्स ऑफ तिब्‍बत स्‍ट्रैटजी', तिब्‍बत ने दी चेतावनी

तिब्‍बत के नेता लोबसांग सांगे ने भारत को चेताया.

सीएनएन-न्यूज 18 से विशेष बातचीत में केंद्रीय तिब्बत प्रशासन के अध्यक्ष लोबसांग सांगे ने कहा कि भारत (India) के साथ चीन (China) की हालिया कार्रवाई को ‘फाइव फिंगर्स ऑफ तिब्‍बत स्‍ट्रैटजी’ के रूप में देखा जा सकता है.

नई दिल्‍ली. चीन (China) ने पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी पर अपना दावा कर हिंसा की है. कई दशकों से उसने सीधे तौर पर यह दावा नहीं किया था. अब उसकी इस कार्रवाई ने तिब्‍बत को भारत सरकार को चेतावनी देने के लिए प्रेरित कर दिया है. तिब्‍बत (Tibet) के नेता ने भारत से कहा है कि तिब्‍बत में जो भी हुआ उससे आप सीख लीजिये.

सीएनएन-न्यूज 18 से विशेष बातचीत में केंद्रीय तिब्बत प्रशासन के अध्यक्ष लोबसांग सांगे ने कहा कि भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बीजिंग की हालिया कार्रवाई को ‘फाइव फिंगर्स ऑफ तिब्‍बत स्‍ट्रैटजी’ के रूप में देखा जा सकता है, जिसे पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संस्‍थापक माओत्से तुंग ने स्‍थापित किया था.

लोबसांग सांगे ने बताया, ‘जब तिब्बत पर कब्‍जा किया गया था तो माओत्से तुंग और अन्य चीनी नेताओं ने कहा था कि तिब्बत वह हथेली है जिस पर हमें जरूर कब्जा करना चाहिए, फिर हम पांचों अंगुलियों के पीछे जाएंगे. पहली अंगुली लद्दाख है. अन्य चार नेपाल, भूटान, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश हैं.

उन्होंने कहा कि 2017 में डोकलाम में हुई घटना और अब लद्दाख में सामने आई घटना चीन की इसी रणनीति का हिस्‍सा हैं. इसी बात को लेकर तिब्बती नेता पिछले 60 वर्षों से भारत को चेतावनी देते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेपाल, भूटान और अरुणाचल प्रदेश पर भी दबाव है. 1962 के युद्ध के बाद पहली बार गलवान घाटी पर संप्रभुता के चीन के दावे से इलाके में चल रही शांति भंग हुई है.गुरुवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत को वर्तमान स्थिति को गलत नहीं समझना चाहिए या घाटी में अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए चीन की दृढ़ इच्छाशक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए.’ यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (डीएसडीबीओ) सड़क को दर्शाता है, जो लेह को काराकोरम दर्रे से जोड़ती है.

सांगे ने कहा कि भारत को चीनी नेतृत्व से बहुत सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘जब तक आप नहीं जानते कि तिब्बत में क्या हुआ, तब तक आप चीनी नेतृत्व की मानसिकता और उनकी रणनीति को पूरी तरह से नहीं समझ पाएंगे. उनके पास हथेली है, अब वे पांच अंगुलियों के लिए आ रहे हैं.’

उन्होंने सीमा पर हुई हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि ज्यादातर मामलों में सीमा क्षेत्र में घुसपैठ चीनी पक्ष से हो रही है. उन्‍होंने आगे कहा, ‘वार्ता ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. भारत को अपने क्षेत्र और संप्रभुता की रक्षा करने का अधिकार है. चीनी रणनीति गाजर और छड़ी की है. भारत की ऐसी ही रणनीति होनी चाहिए लेकिन वह कभी पहले कार्रवाई या घुसपैठ ना करे.’



First published: June 18, 2020, 11:09 PM IST



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