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भारत में दस रुपये शीशी मिलती है कोरोना मरीजों की उम्मीद बताई जा रही ये दवा, WHO भी कायल | Dexamethasone is first life saving coronavirus drug available in india only 10 rupees | nation – News in Hindi

भारत में दस रुपये शीशी मिलती है कोरोना मरीजों की 'उम्मीद' बताई जा रही ये दवा, WHO भी कायल

डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) एक स्टेराइड है.

यह दवा कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों को बचाने में कारगर हो सकती है. डेक्सामेथासोन नामक स्टेरॉयइड (Dexamethasone) के इस्तेमाल से गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मृत्यु दर एक तिहाई तक घट गई.

नई दिल्ली. इंग्लैंड में शोधकर्ताओं का कहना है कि पहला ऐसा प्रमाण मिला है कि एक दवा कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों को बचाने में कारगर हो सकती है. डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) नामक स्टेरॉयड के इस्तेमाल से गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मृत्यु दर एक तिहाई तक घट गयी. मंगलवार को नतीजों की घोषणा की गयी और जल्द ही अध्ययन को प्रकाशित किया जाएगा. अध्ययन के मुताबिक सख्ती से जांच करने और औचक तौर पर 2104 मरीजों को दवा दी गयी और उनकी तुलना 4321 मरीजों से की गयी, जिनकी साधारण तरीके से देखभाल हो रही थी.

बता दें भारत में यह दवा 10 रुपये में दस एमएल मिलती है. इसकी मैन्युफैक्चरिंग कई भारतीय कंपनियां करती हैं. यह दवा तोसिलिजुमैब 400mg से सस्ती है जिसका कई देशों में कोरोना के मरीजों पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

WHO ने दी बधाई
इंग्लैंड में हुए इस शोध और इसके उत्साहजनक परिणाम पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी खुशी जताई है. एक बयान में WHO ने कहा- ‘हम डेक्सामेथासोन पर हुए शोध का स्वागत करते हैं जो कोरोना में मृत्यु दर को कम कर सकता है. हमें जीवन को बचाने और नए संक्रमण को रोकने पर ध्यान देना होगा.’WHO ने एक बयान में कहा कि ब्रिटेन में शुरुआती क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों का हम स्वागत करते हैं. कॉर्टिकोस्टेरॉयड डेक्सामेथासोन गंभीर कोविड-19 रोगियों को दोबारा जीवन दे सकता है. WHO को दी गई जानकारी में बताया गया कि है कि शुरुआती परिणाम इस ओर इशारा कर रहे हैं कि इसके इस्तेमाल से इलाज के दौरान होने वाली मौतों में 1 तिहाई तक कमी दर्ज की गई है. WHO के अनुसार इसका लाभ उन लोगों पर देखा गया जो गंभीर रूप से पीड़ित हैं. जिन लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण हैं उन पर इस दवा का लाभ नहीं पाया गया.

क्या है डेक्सामेथासोन?
WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा, ‘यह दवा कोविड-19 के उन रोगियों के लिए ज्यादा लाभकारी है जो वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर है. कोरोना के गंभीर रोगियों के मामले में मृत्यु दर कम करने में सफल माना जा रहा है यह पहला इलाज है.’ उन्होंने कहा कि मैं ब्रिटेन सरकार, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन के कई अस्पतालों और रोगियों को शुभकामना देता हूं जिन्होंने इस वैज्ञानिक सफलता में अपना योगदान दिया.’

डेक्सामेथासोन एक स्टेरॉयड है जिसका उपयोग 1960 के दशक से सूजन को कम करने के लिए किया जाता है, जिसमें सूजन संबंधी रोग और कुछ तरह के कैंसर भी शामिल हैं. यह दवा डब्ल्यूएचओ मॉडल सूची में आवश्यक दवाइयों की लिस्ट में साल 1977 लिस्टेड है और फिलहाल ज्यादातर देशों में ऑफ-पेटेंट और किफायती रूप से उपलब्ध है.

डेक्सामेथासोन पर शोध करने वाले पीटर होर्बी ने क्या कहा?
बता दें दवा के इस्तेमाल के बाद श्वसन संबंधी मशीनों यानी वेंटिलेटर या ऑक्सीजन के साथ इलाज करा रहे मरीजों की मृत्यु दर 35 प्रतिशत तक घट गयी. जिन लोगों को ऑक्सीजन की सहायता दी जा रही थी उनमें भी मृत्यु दर 20 प्रतिशत कम हो गयी. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता पीटर होर्बी ने एक बयान में कहा, ‘ये काफी उत्साहजनक नतीजे हैं.’

होर्बी ने कहा, ‘मृत्यु दर कम करने में और ऑक्सीजन की मदद वाले मरीजों में साफ तौर पर इसका फायदा हुआ. इसलिए ऐसे मरीजों में डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल होना चाहिए. डेक्सामेथासोन दवा महंगी भी नहीं है और दुनियाभर में जान बचाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है.’

हाल में इसी अध्ययन में कहा गया था कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस के उपचार में उपयोगी नहीं है. अध्ययन के तहत इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में 11,000 से ज्यादा मरीजों को शामिल किया गया था.
(भाषा इनपुट के साथ)

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First published: June 17, 2020, 10:52 AM IST



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