छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

आरएमडी विभाग ने कोविड के संकटकाल में भी कच्चे माल का किया उत्कृष्ट प्रबंधन

BHILAI:- ऐसी सभी संस्थाओं के लिये नयी चुनौतियां सामने प्रस्तुत की हैं जिन्हें बहुत ज्यादा मात्रा में कच्चे माल का प्रयोग करने की जरूरत होती है। स्टील बनाने की प्रक्रिया में एक टन स्टील के उत्पादन के लिये तीन टन कच्चे माल की जरूरत होती है। अचानक लॉकडाउन होने के कारण संयंत्र को उत्पादन कम करना पड़ा, परन्तु आरएमडी विभाग ने पहले से ही पूर्व योजना के तहत किये जाने वाले कार्यों के कारण बहुत ज्यादा परेशानी का सामना नहीं किया। अपने कुशल प्रबंधन से विभाग ने उत्पन्न हुई परेशानियों का निवारण मजबूती से किया और यह सुनिश्चित किया कि कच्चे माल की निर्बाध आपूर्ति बन रहे।

भिलाई इस्पात संयंत्र के आरएमडी विभाग ने इस विकट परिस्थिति में कच्चे माल प्रबंधन में भिलाई इस्पात संयंत्र का लोहा पूरे सेल में मनवाया है। मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी एस एन आबिदी के मार्गदर्शन एवं कार्यपालक निदेशक बी पी सिंह के सानिध्य में कच्चा माल विभाग ने, न केवल सभी कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित की अपितु सेल के अन्य संयंत्रों की भी मदद की। उन्हें अनेक प्रकार के माल की आपूर्ति की जिसमें मैंगनीज ओर, डोलोमाइट, लाइमस्टोन ओर, फेरो अलॉय शामिल हैं।

कोविड-19 की वजह से मजदूरों की उपलब्धता भी अत्यंत कम होने पर भी सही समय पर सभी कच्चे माल की अनलोडिंग सुनिश्चत की गयी। कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु सप्लायर्स के साथ लगातार संवाद किया गया और जरूरत अनुसार प्रशासन, मटेरियल मैनेजमेंट विभाग एवं संयंत्र के सीईओ की मदद से कार्य संपन्न किया गया। कोविड-19 से बचाव हेतु सभी सुरक्षा उपायों का पालन कच्चा माल विभाग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण इसलिये भी है क्योंकि ज्यादातर माल लंबी दूरी तय कर भिलाई पहुंचता है। इस उद्देश्य के लिए विभाग द्वारा सतत् प्रयास किये जा रहे हैं एवं विभिन्न उपायों से सभी कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चत की जा रही है।

यहाँ उल्लेखनीय है कि विभाग ने 1350 दिनों का दुर्घटना रहित रिकॉर्ड स्थापित किया और सजगता के साथ अपने कार्य को अंजाम देते हैं। कोविड-19 के कारण आई आर्थिक अनिश्चितता के निराकरण हेतु संयंत्र द्वारा किए गए उपायों में भी विभाग का अपना योगदान है। उत्कृष्ट नियोजन के द्वारा विभाग ने जरूरत अनुसार उपलब्ध कराने के लिए क्रय आदेशों का पुनरीक्षण कर संयंत्र के वित्तीय प्रबंधन में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

्् इस समय के दौरान कुछ नए कार्य भी प्रारंभ किये गये। आरएमडी टीम के दृढ़ संकल्प के परिणाम स्वरूप प्लांट की भट्टियाँ लगातार चलती रहीं और एक भी दिन ऐसी कोई परिस्थिति पैदा नहीं हुई जिससे उत्पादन में कोई असर हो, विभाग ने अनेकों प्रयास किए जिसमें मुख्यत: कोक ओवन के लिए कोयला और ब्लास्ट फर्नेस के लिए पीसीआई कोयला सुनिश्चित करना। लाइमस्टोन की आवक में व्यवधान आने के कारण कोटेश्वर लाइम स्टोन और जैसलमेर लाइन स्टोन की सप्लाई रूक गयी थी, तब विभाग ने नंदिनी माइंस के साथ मिलकर सामंजस्य बनाया और पहले से जमा स्टॉक की मदद से प्लांट में काम को सुचारू रूप से चलाया।  विभागाध्यक्ष पी आर भल्ला के अनुसार कच्चा माल विभाग की सम्पूर्ण टीम जिसमें सर्वश्री सेनगुप्ता, संदीप गुप्ता, एस के राय, अशोक श्रीवास्तव, जॉनसन जॉर्ज, राजेश वर्मा, आशीष एवं सभी कार्मिकोंं ने विभाग के संचालन एवं प्रबंधन में अपना भरपूर योगदान दिया। विभाग न केवल इन विकट परिस्थितियों में, अपितु हमेशा संयंत्र के विकास एवं बचत हेतु अपना योगदान देने का संकल्प लिया।

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