छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

फर्जी दस्तावेजों से प्राप्त किया 22 लाख का रेसिडेंटल लोन, बैंक की शिकायत पर तीन आरोपियों के खिलाफ हुआ मामला दर्ज

BHILAI:- रेलवे कर्मचारी बनकर कर केन फिन होम लिमिटेड प्रायोजक केनरा बैंक से 22 लाख रुपए का आवास ऋण प्राप्त करने वाले दोषियों के खिलाफ सुपेला पुलिस ने अपराधिक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने ऋण प्राप्ति के लिए छद्म नामों का प्रयोग किया है।

सुपेला थाना प्रभारी गोपाल बिष्ट ने बताया कि प्रार्थी विनायक सुखात्मे शाखा प्रबंधक केन फिन होम्स लिमिटेड ( प्रायोजक केनरा बैंक) सुपेला भिलाई ने हाउसिंग लोन के संबंध में आरोपीयों दोषपति श्रीधर, दोषपति इंदू व प्रणय साखरे के द्धारा फर्जी रजिस्ट्री दस्तावेज गलत नाम पता बता कर  गृह लोन कुल राशि 22 लाख रूपये स्वीकृत कराकर आहरण कर उपयोग कर लेने के संबंध मे थाने मे एक लिखित शिकायत पत्र दिया गया है जिसकी तस्दीक जांच पर उक्त आरोपीगणों के द्धारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर गृह ऋण लेना पाया गया है जो अपराध धारा 419,420,467,468,471,120बी ताहि का अपराध घटित होना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया है। । बैंक शाखा द्वारा माह अप्रैल वर्ष 2018 में स्वीकृत एवं वितरित एक हाउसिंग ऋण प्रकरण ((लोन खाता क्रमांक – 253201000003) में  हाउसिंग ऋण नए मकान खरीदने हेतु क्रमश: एन श्रीनिवास राव एवं एन इंदु को स्वीकृत एवं वितरित किए गए एवं प्रणय साखरे द्वारा ऋण की गारंटी ली गयी। ऋण प्रकरण बैंक के सामान्य हाउसिंग ऋण योजना के तहत दिया गया है । सर्वप्रथम एन श्रीनिवास राव द्वारा हमारी शाखा में आकार खुद को रेल्वे का कर्मचारी बताया गया तथा अपने लिए हाउसिंग ऋण की बात की गई । बैंक शाखा द्वारा ऋण हेतु पात्रता होने पर स्वीकृति की बात कहने पर उन्होने अपने पात्रता संबंधी प्रमाण जैसे फोटो, सैलरी स्लिप, फार्म 16, आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेल्वे से जारी कर्मचारी पहचान पत्र आदि प्रस्तुत किया गया। ऋण संबंधित कार्य स्थल एवं निवास स्थल का भी भौतिक परीक्षण कराया गया था। ऋण स्वीकृति से पहले बैंक द्वारा निर्धारित सूचीबद्ध वकील आशुतोष मिश्रा, मोतीबाग चौक, रायपुर से सभी प्रकरणों में विधिक रिपोर्ट  12.04.2018) तथा सूचीबद्ध मूल्यांकनकर्ता श्री मेसर्स राव एवं खान एसोसिएट, घडी चौक, रायपुर से मूल्यांकन रिपोर्ट 16.04.2018 एवं  06.07.2018 प्राप्त किया गया ।इस शाखा द्वारा बैंक के दिशा निर्देशों के अनुसार प्रक्रिया का पालन कराते हुए उपरोक्त ऋण को स्वीकृत तथा उचित दस्तावेजीकरण के उपरांत संवितरित किया गया ।  07 अगस्त 2019 इसी बीच सहकर्मी मुकुंद अग्रवाल पिता किशन अग्रवाल निवासी खुर्सीपार  19/03/2020 को दैनिक हिन्दी समाचार पत्र के द्वारा यह ज्ञात हुआ कि फर्जी दस्तावेजों के द्वारा रेल्वे कर्मचारियों के नाम पर विभिन्न बैंको से धोखाधउ़ी की गई है, तथा इसमें एन श्रीनिवास राव, एन इंदु एवं प्रणय साखरे का नाम भी शामिल था । धोखाधडी की आशंका को देखते हुए शाखा प्रबन्धक द्वारा आरोपी ऋणियों के ऑफिस तथा घर के पतों पर सत्यता जानने का प्रयास किया गया । छानबीन करने पर पाया गया कि उपरोक्त ऋणी रेल्वे कर्मी का वास्तविक नाम नहीं है, उन्होने बैंक से ऋण लेने के लिए दूसरे व्यक्ति की पहचान एवं नाम पते का इस्तेमाल किया है और उनके दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर अन्य लोगों ने बैंक ऋण प्राप्त किया है।

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