देश दुनिया

विशेषज्ञों ने कहा- शुरुआती कोविड वैक्सीन संक्रमण को रोकने में हो सकती हैं असफल । The First Covid Vaccines May Not Prevent Covid Infection, Say Experts | nation – News in Hindi

विशेषज्ञों ने कहा- शुरुआती कोविड वैक्सीन संक्रमण को रोकने में हो सकती हैं असफल

शुरुआती कोविड-19 वैक्सीन संक्रमण रोकने में असफल साबित हो सकती हैं (सांकेतिक फोटो)

जैसे-जैसे देश लॉकडाउन (Lockdown) से सावधानी के साथ बाहर आ रहे हैं, नेता एक रोकथाम वाली वैक्सीन (Vaccine) को महामारी (Pandemic) पूर्व के जीवन में लौटने के रास्ते के तौर पर देख रहे हैं.

नई दिल्ली. कोविड-19 (Covid-19) के भार से दबी हुई अर्थव्यवस्थाओं (Economies) को ढहने से बचाने का एक तरीका यह है कि कोई वैक्सीन (Vaccine) बना ली जाये, जो लोगों को बुरी तरह से बीमार (Disease) पड़ने या मरने से बचा सके लेकिन ये लोगों को कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने से नहीं बचा सके.

हालांकि प्रायोगिक वैक्सीन (Experimental Vaccine) के विकास का नेतृत्व कर रहे इंपीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College, London) के प्रोफेसर रॉबिन शटॉक के अनुसार, वायरस का पूरी तरह से खात्मा ही हमारा अंतिम लक्ष्य है, लेकिन शुरुआती टीके इसके लिये जितना कर सकेंगे, उसकी अपनी क्षमताएं होंगीं.

कई छोटी और बड़ी कंपनियां, सरकारी फंडिंग के साथ दवा बनाने में जुटीं
शटॉक ने कहा, “क्या यह संक्रमण से सुरक्षा देंगे? क्या यह बीमारी से सुरक्षा देंगे? क्या यह गंभीर बीमारी से सुरक्षा देंगे? यह बहुत अधिक संभव है कि एक ऐसा टीका, जो केवल गंभीर बीमारी से बचाता है, बहुत उपयोगी होगा.”जैसे-जैसे देश लॉकडाउन से सावधानी के साथ बाहर आ रहे हैं, नेता एक रोकथाम वाली वैक्सीन को महामारी पूर्व के जीवन में लौटने के रास्ते के तौर पर देख रहे हैं. अरबों डॉलर के सरकारी निवेश के साथ, कम जानी पहचानी चीन की CanSino Biologics Inc कंपनियां और Pfizer Inc, AstraZeneca Plc जैसी दिग्गज कंपनियों सभी टीके विकास में लगे हैं.

जब तक बाजार में वैक्सीन के प्रभावी संस्करण नहीं आते, ऐसे ही चलाना होगा काम
मानव परीक्षण चरण में प्रायोगिक वैक्सीनों में से कम से कम एक ने गंभीर बीमारी वालों पर प्रभाव दिखाया है- लेकिन जानवरों में संक्रमण में यह बहुत कम प्रभावी रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अनुमति मिलती है तो इस तरह के उत्पाद का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा, भले ही यह सीमित प्रभाव ही रखता हो, जब तक अधिक प्रभावी संस्करण बाजार में नहीं आ जाते.

कैलिफोर्निया के ला जोला के स्क्रिप्स रिसर्च के इम्यूनोलॉजिस्ट और वैक्सीन शोधकर्ता डेनिस बर्टन ने कहा, “टीकों को बीमारी से बचाने की जरूरत है, न कि संक्रमण से.”

यह भी पढ़ें: तेजी से बनाये जा रहे ‘मेड इन इंडिया वेंटिलेटर’, अस्पताल भेजी गईं 3000 यूनिटें



First published: June 16, 2020, 6:54 PM IST



Source link

Related Articles

Back to top button