वर्क फ्रॉम होम से मजबूत हो रहे पारिवारिक रिश्ते, सुलझ रहे मसले: सर्वे | Work From Home helping in strengthening family bonding and resolving issues revealed a survey of TITA | nation – News in Hindi


अधिकांश कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं दिया.
इंटरनेट कनेक्टिविटी, टीम वर्क का न होना और बार-बार बिजली जाना वर्क फ्रॉम होम (Work Of Home) के लिए बड़ी चुनौतियां बने हुए हैं. लगभग 62 प्रतिशत ने कहा कि उनके पास वर्क फ्रॉम होम के दौरान काम का कोई दबाव नहीं था.
हैदराबाद. तेलंगाना टेक्नोलॉजी एसोसिएशन (Telangana Information Technology Association-TITA) के सर्वे में सामने आया है कि आईटी पेशेवरों को वर्क फ्रॉम होम (Work form Home) दिए जाने से उनके पारिवारिक संबंध मजबूत हुए हैं. सर्वे के अनुसार ये पेशेवर अपने घर पर रहकर परिवार के साथ ज्यादा समय बिता पा रहे है, और पहले काम के अलावा आने-जाने में उनके दो से तीन घंटे बर्बाद हो जाते थे.
टीआईटीए के ग्लोबल प्रेसिडेंट संदीप कुमार मकठला का कहना है कि एक महीने तक किए गए इस सर्वे के लिए 150 प्रोजेक्ट्स में 500 का सैंपल साइज रखा गया और इसका लक्ष्य यह जानना था कि वर्क फ्रॉम होम को कैसे लागू किया जाए और उनके इसे बढ़ाने को लेकर और अन्य चीजों पर क्या विचार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनमें से 57 प्रतिशत कोरोना वायरस के डर के कारण इस मौके पर उत्सुक नहीं हैं.
82 प्रतिशत ने कहा- वर्क फ्रॉम होम करके मिलेगी खुशीसंदीप ने बताया, “14-पॉइंट्स की प्रश्नावली, व्यक्तिगत रूप से और ऑनलाइन दी गई. लगभग 90 प्रतिशत कंपनियों ने लॉकडाउन के बाद वर्क फ्रॉम होम को बढ़ाया है. लगभग 82 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अगर वर्क फ्रॉम होम की सुविधा आगे बढ़ाई जाती है तो वे इसे पसंद करेंगे.”
मजबूत हुए संबंध
संदीप ने कहा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो-साइंसेज के अध्ययन के लिए एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान है – NIMHANS ने पाया कि आईटी सेक्टर के पेशेवरों के जीवन में तलाक और कलह जैसी समस्याएं ज्यादा होती हैं. वर्क फ्रॉम ने इस तरह के कई मुद्दों को सही करने का समय दिया है.
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 89 प्रतिशत के पति-पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ संबंध गहरे हुए हैं.
वर्क फ्रॉम होम में ये हैं बड़ी परेशानियां
टीआईटीए अध्यक्ष ने कहा “इंटरनेट कनेक्टिविटी, टीम वर्क का न होना और बार-बार बिजली जाना वर्क फ्रॉम होम के लिए बड़ी चुनौतियां बने हुए हैं. लगभग 62 प्रतिशत ने कहा कि उनके पास वर्क फ्रॉम होम के दौरान काम का कोई दबाव नहीं था.”
सर्वे में कहा गया है कि लगभग 48 प्रतिशत लोग 8-10 घंटे काम कर रहे हैं और लगभग 29 प्रतिशत ने कहा कि वे घर पर 10-12 घंटे काम कर रहे हैं. अधिकांश कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं दिया.
संदीप मकठला ने बताया कि सर्वेक्षण में कहा गया है कि लगभग 45 प्रतिशत ने अपने बेडरूम का इस्तेमाल कार्यस्थल के रूप में किया है और लगभग 24 प्रतिशत ने कहा कि उनके पास काम करने के लिए ही एक जगह है जबकि लगभग 22 प्रतिशत ने काम करने के लिए मुख्य हॉल का उपयोग किया.
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First published: June 16, 2020, 4:48 PM IST