एचएमएस की बैठक में की गई बीएसपी कर्मियों के इंसेंटिव पर चर्चा
भिलाई। भिलाई श्रमिक सभा एचएमएस की साप्ताहिक बैठक हुई। बैठक में महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने इंसेंटिव स्कीम के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान में इंसेंटिव स्कीम नकारा साबित हो रही है इंसेंटिव के रूप में प्रोत्साहन राशि बेसिक का 25 प्रतिशत तक रखा जाना चाहिए। वर्तमान में यह राशि अधिकतम 3 प्रतिशत तक आ चुकी है। जबकि मिलने वाली इंसेंटिव राशि 1 प्रतिशत से भी कम है। एक शॉप से दूसरे साथ में ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है एक तो उन्हें नए विभाग में स्थाई नहीं किया गया है ना ही उन्हें उस विभाग का इंसेंटिव दिया जा रहा है।
उपाध्यक्ष लखविंदर सिंह ने अनुकंपा नियुक्ति के बारे में बताते हुए कहा कि 1995 के पश्चात अचानक मेडिकल अनफिट होने वाले कर्मचारियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने लगी जो 2004 आते-आते तक 1100 तक पहुंच गई। कर्मचारियों को अनफिट कराने में उस समय की यूनियन का बड़ा योगदान था, जिसमें बड़े पैमाने पर लेनदेन भी किया जाता था। सन 2004 में प्रबंधन ने यूनियन के साथ मिलकर अनुकंपा नियुक्ति की कुछ सीमाएं बना दी तथा 4 बीमारियों का दायरा तय किया गया जिसके अंतर्गत आने वाले कर्मचारी के आश्रित कोई अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया इसके बाद सभी 1100 कर्मचारी एवं उनके आश्रित सडक़ पर उतरकर आंदोलन करने लगेए इनमें से कुछ ने आत्महत्या भी कर ली तब 2010 में प्रबंधन ने 770 आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दे दी। 2011 में प्रबंधन ने पुन: एक सर्कुलर निकाला जिसमें 8 बीमारियों के दायरे में आने पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया। सन 2015 में स्थानीय मान्यता प्राप्त यूनियन ने प्रबंधन से मिलकर मेडिकल अनफिट होने वाले कर्मचारियों को लाइव कवर स्कीम से बाहर कर दिया इस प्रकार कर्मचारियों के ऊपर दोहरी मार पड़ी जैसे कोई कर्मचारी 8 बीमारी के अलावा किसी अन्य बीमारी से अनफिट होता है तो अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलेगी ना ही उसे ई डी एल आई स्कीम का लाभ मिलेगा । ई डी एल आई स्कीम का लाभ लेने के लिए कर्मचारी का मरना आवश्यक है। इस प्रकार का नियम बनाकर संयंत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों को हतोत्साहित किया जा रहा है क्योंकि कर्मचारियों को जो बीमारियां हो रही है वह संयंत्र के दूषित वातावरण के कारण हो रही हैं संयंत्र को इन नियमों में परिवर्तन करना चाहिए।कार्यवाहक अध्यक्ष प्रेम सिंह चंदेल ने कहा कि अधिकारियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है या एक स्वागत योग्य कदम है लेकिन वही ड्रेस कोड कर्मचारियों के लिए भी लागू किया जाना चाहिए भिलाई की कार्य संस्कृति की एक अलग पहचान है भिलाई में कर्मचारी एवं अधिकारी कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ कार्य करते हैं किसी प्रकार का भेदभाव करना भिलाई की कार्य संस्कृति को खराब करने का प्रयास होगा प्रबंधन को चाहिए।