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अमेरिका में Infosys पर केस दर्ज! पूर्व कर्मचारी ने कंपनी पर लगाए ये आरोप | Ex-employee files racial discrimination suit against Infosys in america | business – News in Hindi

अमेरिका में Infosys पर केस दर्ज! पूर्व कर्मचारी ने कंपनी पर लगाए ये आरोप

पूर्व कर्मचारी ने लगाए कंपनी पर जातिगत भेदभाव के आरोप

अमेरिका (America) में Infosys के खिलाफ एक पूर्व कर्मचारी ने जातिगत भेदभाव का केस दर्ज कराया, हालांकि, कंपनी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.

अमेरिका में इंफोसिस की ब्रांच के खिलाफ पूर्व कर्मचारी ने खिलाफ नस्लीय भेदभाव का केस दर्ज किया है. अफ्रीकी अमेरिकी नस्ल की अमेरिकी नागरिक डेविना लिंगुइस्ट की शिकायत के अनुसार, इंफोसिस ने कथित तौर पर उसके खिलाफ 2016 में कंपनी के खिलाफ पहले के क्लास एक्शन सूट में गवाही दी थी. जिसके बाद कंपनी इस पर एक्शन लेते हुए उसे पद से हटा दिया. 2017 में डेविना ने कंपनी छोड़ दी थी. डेविना ने टेक्सास कोर्ट में कंपनी से क्षतिपूरक का हर्जाना मांगा है.

शिकायत ने आरोप लगाया कि “इन्फोसिस US में लगभग 20,000 कर्मचारियों को नियुक्त करती है, जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत दक्षिण एशियाई और भारतीय हैं और स्थानीय लोगों को मौका नहीं दे रही है. जबकि अमेरिका की आबादी का केवल 1-2 प्रतिशत दक्षिण एशियाई है.” हालांकि Infosys ने सभी आरोपों से इनकार किया है. इन्फोसिस की नीति है कि सभी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और सभी को समान रोजगार का अवसर और एक समावेशी कार्यस्थल प्रदान किया जाए.

कंपनी ने कहान कोर्ट में करेगी बचाव
कंपनी के बयान में कहा गया है कि इसमें कई रास्ते हैं, जिसमें कर्मचारी अपनी परेशानी व्यक्त कर सकते हैं और आगे भी सकारात्मक कदम उठा सकते हैं. कंपनी ने कहा कि वह इस मामले पर कोर्ट में अपना बचाव करेगी.द वीक में छपी एक खबर के अनुसार, डेविना ने एक अमेरिकी आवेदक ब्रेंडा कोहलर द्वारा दायर मामले में गवाही दी थी, जिसने कंपनी पर दक्षिण एशिया लोगों और स्थानीय नौकरी आवेदकों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाया था. अपने आरोपों में डेविना का कहना है कि कंपनी ने पहले के कोहलर बनाम इन्फोसिस मामले में गवाही देने के बाद कंपनी में “शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण” सहना पड़ा. बाद में उन्हें उनके पद से भी हटा दिया गया.

यह मामला ऐसे समय में दायर किया गया है जब दुनिया भर की कंपनियां 46 साल के मिनियापोलिस निवासी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद नस्ल आधारित भेदभाव पर ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन को मजबूत करने में लगी हुई है. गौरतलब है कि फ्लॉयड की 25 मई को मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में मौत के बाद नस्ली भेदभाव के विरोध में अमेरिका समेत कई अन्य देशों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

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First published: June 13, 2020, 3:55 PM IST



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