कोरोना वायरस के इलाज के नियमों को बदल सकता है ICMR, जल्द हो सकती है घोषणा: सूत्र | ICMR to revise treatment protocol and this will include Remdesivir | nation – News in Hindi
आईसीएमआर की गाइडलाइंस के मुताबिक देश में बिना लक्षण वाले उन लोगों की ही जांच हो रही है जो कि बिना लक्षण के ज्यादा खतरे वाले लोगों के संपर्क में आए हैं. ये जांच पांचवें और 14वें दिन की जा रही है. आईसीएमआर ने कहा कि है कि सभी बिना लक्षण वाले लोगों की जांच नहीं की जा सकते है और इसे लेकर वह काफी स्पष्ट हैं.
सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि बिना लक्षण वाले संक्रमित लोगों को सीधे संपर्क में आने वाले लोगों की पांचवें और 10वें दिन जांच की जा रही है.
भारत में सामुदायिक स्तर का संक्रमण नहींइससे पहले केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस महामारी अभी सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के चरण में नहीं है. हालांकि, ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी क्षेत्रों और शहरी झुग्गी बस्तियों में संक्रमण का अधिक खतरा है.
सरकार ने यह भी कहा कि कोविड-19 के प्रसार पर भारत के प्रथम ‘सीरो-सर्वेक्षण’ में यह पाया गया है कि लॉकडाउन और विभिन्न स्थानों पर प्रवेश-निकास निषिद्ध करने के उपाय संक्रमण की तीव्र वृद्धि रोकने में सफल रहे हैं. हालांकि, बड़ी संख्या में आबादी के इसकी चपेट में आने को लेकर अब भी खतरा है.
सावधानियां बरतना रखना होगा जारी
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने प्रेस वार्ता में कहा कि सीरो-सर्वेक्षण के दो हिस्से हैं, प्रथम हिस्से में ‘सार्स-सीओवी-2’ से संक्रमित सामान्य आबादी के हिस्से का अनुमान लगाया गया है. वहीं, दूसरे हिस्से में आबादी के उस हिस्से को रखा गया है, जो निरुद्ध क्षेत्रों या संक्रमण के अधिक मामलों वाले शहरों में संक्रमित हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के चरण में अभी नहीं है. हमें जांच करना, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये लोगों का पता लगाना, उन तक पहुंचना, उसे पृथक रखने का कार्य और निरुद्ध क्षेत्र घोषित करने का कार्य जारी रखना होगा. साथ ही, हमें इस सिलसिले में असावधान नहीं होना होगा.’’
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण का पहला हिस्सा पूरा हो गया है जबकि दूसरा जारी है. यह सर्वेक्षण आईसीएमआर ने राज्य स्वास्थ्य विभागों, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ समन्वय कर मार्च में शुरू किया था.
26 हजार से ज्यादा लोग सर्वे में शामिल
भार्गव ने कहा कि अध्ययन में कुल 83 जिलों और 26,400 लोगों को शामिल किया गया. मीडिया को साझा किये गये आंकड़ों में कहा गया है कि 65 जिलों से आंकड़ों का संकलन कर लिया गया है.
भार्गव ने कहा कि सीरो-सर्वेक्षण में पाया गया कि सर्वेक्षण शामिल किये गये जिलों में आबादी का 0.73 प्रतिशत हिस्सा सार्स-सीओवी-2 के संपर्क में अतीत में आ चुका है.
उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन और संक्रमण वाले स्थानों में प्रवेश- निकास निषिद्ध करने के उपाय संक्रमण को कम रखे हुए हैं और इसे तेजी से फैलने से रोक रहा है.’’
(भाषा के इनपुट सहित)
ये भी पढ़ें-
कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर इस कंपनी का बड़ा ऐलान, कहा- अगले महीने तक…
Covid-19: भारत में ‘अनलॉक’ हुआ कोरोना, 11 दिन में बढ़े एक लाख केस