सामान्य सभा में महापौर चन्द्रिका चन्द्राकर नही कर पाई अपना अंतिम बजट पेश,
प्रश्रकाल में ही हो गया शाम, अब आज होगा बजट प्रस्तुत
दुर्ग। सत्ता परिवर्तन का असर आज दुर्ग निगम के बजट के लिए आयोजित सामान्य सभा में साफ दिखाई दिया। बजट प्रस्तुत के लिए आयोजित सामान्य सभा में आज महापौर चन्द्रिका चंद्राकर अपने इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश नही कर पाई। बजट प्रस्तुति के पूर्व ही कई मामलों को लेकर कांग्रेसी पार्षदों ने सत्ता पक्ष को घेरा और कई मामलों मे उसे कटघरे में खड़ कर दिया। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश शर्मा ने 151 करोड़ केे ऑडिट आपत्ति के मामले को सदन में उठाया जिसकों लेकर घंटों भारी गहमा गहमी रही। उसके बाद प्रश्रकाल शुरू हो गया। प्रश्रकाल में ही शाम के 5 बज गये और सभापति राजकुमार नारायणी ने कल तक के लिए सभा को स्थगित कर दिया। जिसके कारण गुरूवार को बजट पेश नही हो पाया। अब शुक्रवार 1 मार्च को महापौर चन्द्रिका चन्द्रकार अपना अंतिम बजट पेश करेगी।
गुरूवार को आदित्य नगर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे मंगल भवन में नगर निगम की बजट बैठक का आयोजन किया गया। यह बजट बैठक सभापति राजकुमार नारायणी के अनुमति से अपने निर्धारित समय दोपहर 12 बजे प्रारंभ हुई। बैठक प्रारंभ होते ही नगर निगम में विपक्षी कांग्रेसी पार्षदों ने निगम प्रबंधन की मनमानी, अव्यवस्था और अनियमित्ता का मुद्दा उठाकर सत्तापक्ष भाजपा की जमकर खिचाई की। कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद राजेश शर्मा ने नगर निगम के आँडिट रिपोर्ट में 151 करोड़ का आँडिट आपत्ति आने का मुद्दा उठाकर सदन को चौका दिया। उनका कहना था कि आँडिट आपत्ति का निराकरण नहीं किया गया हैं और उसे पिछले वर्ष के बजट में शामिल कर सामान्य सभा के पुष्टि बगैर शासन को भेज दिया गया है। बजट को सामान्य सभा में पुष्टि किए बिना शासन को भेजना अवैधानिक हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेसी पार्षदों ने शासन को भेजे कॉपी उपलब्ध करवाने की मांग करते हुए सदन में जमकर हंगामा मचाया। फलस्वरूप सभापति श्री नारायणी ने आयुक्त को कॉपी उपलब्ध करवाने के आदेश दिए। निगम प्रबंधन को यह कॉपी उपलब्ध करवाने में करीब पौन घंटे का समय लगा। जिसकी वजह से तब तक सदन की कार्यवाही स्थगित रही। शासन को भेजे कॉपी के अवलोकन उपरांत वरिष्ठ पार्षद आर एन वर्मा ने सत्तापक्ष भाजपा के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई और पिछले बजट बैठक के निर्णय को सामान्य सभा के बगैर पुष्टि के शासन को भेजने को बड़ी खामी बताया। पिछले बजट में लिये गए निर्णय की उन्होंने पार्षदों से पुष्ठि करने का अपील की, ताकि सदन की कार्यवाही पुन: प्रारंभ हो सके। श्री वर्मा के राय पर पक्ष व विपक्षी पार्षदो ने अपनी सहमति दी, उसके बाद पुन: सदन की कार्यवाही शुरू हो सकी। प्रश्रकाल में 29 पार्षदों के प्रश्र आए। जिन्हें लॉटरी के माध्यम से निकाला गया और प्रश्नों पर संबंधित विभागों के एमआईसी प्रभारियों ने बारी-बारी से जवाब दिया। वरिष्ठ पार्षद राजेश शर्मा ने अमृत मिशन योजनांतर्गत निर्माण कार्यों में व्यय व भुगतान की जानकारी मांगी थी। जिसका जलगृह प्रभारी देवनारायण चंद्राकर ने जवाब दिया, लेकिन श्री शर्मा उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। निर्दलीय पार्षद आशीष दुबे का प्रश्र भी अमृत मिशन योजना से संबंधित था। पार्षद अब्दुल गनी ने प्रश्रों के माध्यम से अंकेक्षण विभाग में मदो को परिवर्तन कर भुगतान करने का मुद्दा उठाया। प्रभारी प्रवीर मोहन पिंटू, ने सवालों का जवाब दिया। पार्षद भोला महोबिया ने इंद्रिरा मार्केट में 8 दुकानों के आबंटन पर अनियमित्ता से संबंधी प्रश्र पूछे। प्रभारी शिवेन्द्र सिंह परिहार ने जवाब में अनियमित्ता से इंकार किया और हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यवाही करने की बात कही। बैठक में नेताप्रतिपक्ष लिखन साहू, पार्षद दिनेश देवांगन, प्रकाश गीते, हमीद खोखर, सुरेन्द्र सिंग राजपूत, राजकुमार वर्मा,आयुक्त सुनील अग्रहरि एवं अन्य पार्षद मौजूद थे।
बॉक्स में
उत्साह के साथ बजट पेश करने सूटकेस लेकर पहुंची थी महापौर
महापौर चंद्रिका चंद्राकर बजट बैठक में शामिल होने अपने हाथों में ब्रीफकेश लेकर उत्साह के साथ सदन में पहुँची, लेकिन कांग्रेस पार्षदों द्वारा भाजपा पार्षदों को घेरने व प्रश्रकाल की प्रक्रिया में घंटों समय लगा। महापौर का अपने कार्यकाल का यह अंतिम बजट है।
सदन में भडक़े पार्षद
पार्षद ज्ञानेश्वर ताम्रकार बजट बैठक में अचानक आक्रोशित हो उठे। उनके आक्रोश का कारण पॉलीथीन में आलू चिप्स का वितरण था। श्री ताम्रकार का कहना था कि पॉलीथीन में प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद नगर निगम के बैठक में पॉलीथीन का उपयोग गलत है। सभापति राजकुमार नारायणी भी इसके पहले सदन में पॉलीथीन का उपयोग नहीं करने निगम अधिकारियों से कह चूके थे, लेकिन पार्षद ज्ञानेश्वर ताम्रकार के आक्रोश के बाद ही पॉलीथीन का उपयोग बंद हुआ और फिर आलू चिप्स प्लेट में दिए गए।