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हौसले को सलाम, देश के सबसे उम्रदराज शख्स ने ऐसे दी कोरोना को मात! | the oldest person in the country defeated Coronavirus covid 19 lnjp hospital delhi mason nodrss | delhi-ncr – News in Hindi

100 साल के मोहम्मद शरीफ ने Corona को दी शिकस्त, अस्पताल से मिली छुट्टी

दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती एक 100 साल के बुजुर्ग ने कोरोना वायरस को मात दी है.. फाइल फोटो.

पिछले ही दिनों दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) में भर्ती एक 100 साल के बुजुर्ग ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात दी है. बीते 5 जून को ही इस शख्स को अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया है.

नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमित मरीजों (Coronavirus infected Patients) की संख्या में लगातार तेजी आ रही है. वहीं अच्छी बात यह भी है कि लोग ठीक हो कर घर भी जा रहे हैं. देश में संक्रमित होने वालों में सर्वाधिक मरीज 50 साल या उससे अधिक आयु वर्ग के लोग हैं. भारत में इस समय सबसे ज्यादा मौतें भी 50 साल या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों की हो रही हैं. इसके बावजूद कई ऐसे बुजुर्ग मरीज (Elderly patient) हैं जो 80 साल से अधिक आयु वर्ग के होने के बावजूद कोरोना को मात दे रहे हैं. पिछले ही दिनों दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) में भर्ती 100 साल के एक बुजुर्ग शख्स मोहम्मद शरीफ ने कोरोना वायरस को मात दी है. शरीफ को बीते 5 जून को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है. ऐसा कहा रहा है कि देश में हाल के दिनों में कोरोना महामारी से ठीक होने वाले बुजुर्ग मरीजों में से मो. शरीफ सबसे बुजुर्ग शख्स हैं.

बुजुर्ग शख्स ने दी कोरोना को मात
बुजुर्ग शख्स के बेटे अलीमुद्दीन ने न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘कोरोना से जंग जीतने के लिए धैर्य और सकारात्मक सोच जरूरी है. मेरे पिताजी इसका जीता जागता प्रमाण हैं. लगभग 45 दिनों तक दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में रहने के बाद मेरे पिता मोहम्मद शरीफ को बीते 5 जून को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है. कोरोना से संक्रमित होने के बाद पिताजी को भर्ती कराने के लिए शुरुआती दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल और राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने मेरे पिताजी को भर्ती करने से इनकार कर दिया तो हमने एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया. बीते दिनों जब कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई तो अस्पताल ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया.’

हौसले को सलामयमुना पार के रहने वाले मो शरीफ अब बिल्कुल ठीक हो गए हैं. अस्पताल में डिस्चार्ज हो कर शरीफ अब घर पर आराम फराम रहे हैं. लगभग 45 दिन पहले जब यह शख्स अस्पताल में भर्ती हुआ था तो उस समय उनकी हालत काफी खराब थी. सांस लेने में कठिनाई आ रही थी. डॉक्टरों की एक टीम लगातार बुजुर्ग पर नजर रख रही थी. एलएनजेपी में इलाज के दौरान पाइप के जरिए उन्हें तरल खाद्य पदार्थ दिया जा रहा था. स्थिति सामान्य होने के कुछ दिनों बाद इन्हें आइसोलेशन के सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया था.

मो शरीफ के चार बेटे थे, जिसमें अब सिर्फ दो ही जीवित हैं. शरीफ दिल्ली में राजमिस्त्री का काम करते थे. शरीफ के बटे अलीमुद्दीन कहते हैं. ‘देखिए हमलोग गरीब आदमी हैं. मैं खुद बच्चों का खिलौना बेचता हूं. हमलोग पुरानी दिल्ली के रहने वाले हैं, लेकिन अब हमलोग यमुना पार शिफ्ट हो गए हैं. तकरीबन 45 दिन पहले हमारे पिताजी को सांस लेने में दिक्कत शुरू हुई तो हमलोग अस्पताल ले कर गए थे. उस समय हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. कोई अस्पताल भर्ती करने को तैयार नहीं थे.’

45 दिनों तक बाप-बेटे दूर रहे
एलएनजेपी अस्पताल में 15-20 दिनों तक मुझको पिताजी से दूर रखा गया. डॉक्टरों ने कहा कि दूर रहने से ही आपलोग संक्रमण से बचे रहेंगे. 15 दिनों तक अस्पताल में सिर्फ लिक्विड पर रखा गया. इस वजह से उनकी हालत काफी कमजोर हो गए हैं. बीमारी के दौरान दूसरे अस्पतालों का रवैया ठीक नहीं था. कोरोना होने के बाद हमने सबसे पहले उनको लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले गया था. फिर राम मनोहर लोहिया ले गया फिर बाद में जीबी पंत भी ले गया था.

कुलमिलाकर यह बुजुर्ग शख्स अब कई ऐसे तमाम लोगों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका अदा कर सकता है, जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है. माना जा रहा है कि यह शख्स दिल्ली ही नहीं शायद देश का सबसे उम्रदराज कोरोना पॉजिटिव शख्स है जो कोरोना को मात दिया है.

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First published: June 9, 2020, 5:30 PM IST



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