आत्महत्या करने शिवनाथ नदी में कूदी महिला चार घंटे बाद भी मिली जिंदा

डायल 112 की टीम के अस्पताल पहुंचाने पर हुई स्वस्थ्य
भिलाई । जाको राखों साईयां मार सके न कोय वाली कहावत ऐसी ही नही बनी है। जिसको ईश्वर न चाहे उसको कोई नही मार सकता या कोई व्यक्ति मरना भी चाहे तो वह मर नही सकता। ऐसा ही एक केस आज दुर्ग जिला मे देखने को मिला। आज सुबह शिवनाथ नदी के महमरा एनीकट में तैरती हुई लाश की खबर से सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची डायल 112 की टीम में शामिल आरक्षक परस साहू और वाहन चालक मनोज देशमुख ने ग्रामीणों की मदद से उस लाश को बाहर निकालाऔर उसके नब्ज को टटोला तो उसकी सांसे चल रही थी। इन्होंने बिना देर किये उस अनजान सी वृद्धा को तत्काल जिला अस्पताल भिजवाया गया। जहां वह अब वह पुरी तरह से स्वस्थ्य हो गई है।
पुलिस ने वृद्धा की पहचान सुुहागा बाई कंडरा, उम्र 70 वर्ष निवासी कंडरापारा दुर्ग के रूप में की है। वृद्धा की माने तो पारिवारिक विवाद के चलते सोमवार को उसने शिवनाथ नदी के महमरा एनीकट में कूदी थी। आखिर विवाद की जड़ क्या थी जिसके लिए सुहागा बाई को नदी में कूदना पड़ा यह तो पता नहीं, लेकिन एक दिन बाद उसके जीवित बचने से यह साबित हो गया कि जाको राखे साईयां मार सके न कोय ।