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वाइल्डक्राफ्ट को सेना से मिला बड़ा ऑर्डर, इन दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ने की तैयारी – Wildcraft gets orders from indian army for bags ready to compete with brands like nike adidas and puma | business – News in Hindi

Wildcraft को सेना से मिला बड़ा ऑर्डर, इन दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ने की तैयारी

यह कंपनी नाइकी, एडिडास, रीबोक को पीछे छोड़ने की तैयारी में है.

यात्रा से जुड़े बैग इत्यादि का उत्पादन करने वाली Wildcraft को सेना से ऑर्डर्स मिले हैं, जो कि कंपनी के लिए सबसे बड़े ऑडर्स में से एक हैं. यह कंपनी मास्क और PPE बाजार में भी उतरने की तैयारी कर रही है.

नई दिल्ली. साहसिक यात्रा से जुड़े जरूरी सामान बैग इत्यादि बनाने वाली घरेलू कंपनी Wildcraft की योजना इस साल देश की सबसे बड़ी लाइफस्टाइल कंपनी बनने का है. भारतीय सेना से मिले ऑर्डर के बलबूते कंपनी को नाइकी, एडीडास, रीबोक और प्यूमा जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड को पीछे छोडने की उम्मीद है. कंपनी के संस्थापक गौरव डबलिश और सिद्धार्थ सूद ने कहा कि भारतीय सेना को बैग और अन्य सामान की आपूर्ति के साथ अपने मौजूदा कारोबार से उसे इस साल 1,000 करोड़ रुपये की आय की उम्मीद है.

कंपनी कोविड-19 के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देना चाहती है. डबलिश ने कहा, ‘‘हमें सेना के ऑर्डर पूरे करने हैं, जो हमारे सबसे बड़े ऑर्डर्स में से एक है. पिछले साल अंतत: हमें भारतीय जवानों के लिए बैग की आपूर्ति करने का ऑर्डर मिल गया. हमने इस ठेके को हासिल किया और अब हम इसका उत्पादन करने जा रहे हैं.’’

मास्क और PPE बाजार में भी उतरने की तैयारी
उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमने हाल ही में निजी सुरक्षा से जुड़े उत्पाद मसलन मास्क, निजी सुरक्षा किट इत्यादि के बाजार में प्रवेश किया है. कंपनी ने ‘सुपरमास्क’ ब्रांड नाम से मास्क बाजार में उतारे हैं. डबलिश ने कहा, ‘‘आज वाइल्डक्राफ्ट का मौखिक प्रचार एक बड़े स्तर तक बढ़ चुका है. हमारी नजर देश की सबसे बड़ी लाइफस्टाइल कंपनी बनने पर है. उम्मीद है कि 2020-21 में हम नाइकी, एडिडास और रीबोक से आगे निकल जाएं और संभव है कि प्यूमा को भी पीछे छोड़ दें.’’यह भी पढ़ें: FY20 में टैक्स कलेक्शन 4.92 फीसदी घटा, इस वजह से सरकार की झोली में आए सिर्फ 12.33 लाख करोड़ रुपये

कितनी होती है वाइल्डक्राफ्ट की कमाई
बेंगलुरू की कंपनी वाइल्डक्राफ्ट का कारोबार सालाना 35 से 40 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2016-17 में कंपनी ने 400 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. 2017-18 में यह 500 करोड़ रुपये रहा. अब कंपनी ने 2020-21 में इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है.

इस साल 1 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते कंपनी की योजनाओं के बदलाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में सूद ने कहा, ‘‘हम सही रास्ते पर हैं, इस साल हम 1,000 करोड़ रुपये का कारोबार पार कर लेंगे.’’ डबलिश ने कहा कि अभी उन्होंने वह कारोबार करना शुरू भी नहीं किया है जो वह आमतौर पर करते हैं. उसके बावजूद उनके कारखाने ऑर्डरों से लद गए हैं. कंपनी की योजना अपने विनिर्माण और वितरण नेटवर्क में करीब एक लाख लोगों को रोजगार देने की है.

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First published: June 7, 2020, 5:21 PM IST



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