#SarkarOnIBC24: Shivraj Singh का वोट दिलाऊ वाला बयान, मचा घमासान, वोट के लिए लालच.. संवाद या सच?

भोपाल: Shivraj Singh Statement On Vote: कई बार वोट दिलाऊ फैसले करने पड़ जाते हैं। वोट बिगड़ गया, तो वोट बचाओ… कैसे वोट मिलेगा.. ये कहा है खुद लाडली बहना योजना के जनक मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने। वो संवाद तो कर रहे थे वन नेशन-वन इलेक्शन पर, लेकिन छात्रों के बीच उन्होनें ये स्वीकार किया कि कई बार वोट दिलाऊ फैसले करने पड़ते हैं और कई बार ऐसे बड़े फैसले नहीं ले पाते जिससे कई लोगों को भला होता। शिवराज के इस बयान के बाद मध्यप्रदेश में सियासी घमासान मच गया है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को जो कह रहे है कि कई बार तो वोट दिलाऊ फैसले तक करने पड़ जाते हैं। भोपाल में वन नेशन-वन इलेक्शन संवाद कार्यक्रम शिवराज सिंह चौहान ने स्टूडेंट से कहा कि कई बार वोट दिलाऊ फैसले भी करने पड़ते हैं। कैसे वोट मिलेगा, तो ये भी दे दो, वो भी दे दो,क्या चार-साढ़े चार साल यह चलता रहेगा? बार-बार चुनावों के कारण कई फैसले प्रभावित होते हैं। यही नहीं शिवराज सिंह चौहान ने ये भी बताया कि कैसे चुनाव के डर के कारण कई बड़े और कड़े फैसले नहीं ले पाते हैं।
Shivraj Singh Statement On Vote: लाड़ली बहना योजना जो मध्य प्रदेश के बाद देश के कई राज्यों में जीत की वजह बनी है उसके जनक शिवराज सिंह चौहान का यह कहना कि चुनाव के कारण कई बार वोट दिलाऊ फैसला करने करने पड़ते हैं विपक्ष को बैठे बिठाये मुद्दा दे गया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पलटवार कर दिया और कहा बीजेपी में कम से कम एक ऐसा नेता जिसने स्वीकारा की वोट लेने के लिए देना पड़ता है। शिवराज सिंह चौहान को माफी मांगना चाहिए लालच देकर वोट लेना चाहते हैं। उधर जीतू के बयान पर सत्ता पक्ष बीजेपी ने पलटवार किया।
शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहते लाड़ली बहना योजना लागू की थी तब देश में इस योजना को फ्रीबीज कहकर आलोचना भी हुई लेकिन मध्यप्रदेश में बीजेपी को इस योजना ने फिर से सत्ता के सिहांसन पर पहुँचा दिया था। जिसके बाद देश में कई राज्यों में जीत की बजह लाड़ली बहना योजना बनी। हाल ही के दिल्ली विधानसभा चुनाव 27 साल बाद और उसके पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने बीजेपी को सत्ता दिलाई, लेकिन अब यदि शिवराज ही कह रहे है चुनाव के कारण कई बार वोट दिलाऊ फैसला करने करने पड़ते हैं तो फिर सियासत होना लाजमी है।