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India urban covid 19 outbreak is morphing into rural health crisis | nation – News in Hindi

शहरों से फैला कोरोना वायरस अब गांवों के लिए बन रहा बड़ा संकट, 7 राज्यों के आंकड़े दे रहे खतरनाक संकेत

प्रवासी मजदूरों के ग्रामीण क्षेत्रों में लौटने से वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.

India’s urban COVID-19 outbreak: कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों से लोग ग्रामीण क्षेत्रों में वापस लौट रहे हैं, जिसके कारण वहां पर वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

नई दिल्ली. वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ चुके कोरोना वायरस (Coronavirus) भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों (India’s urban area) के लिए गंभीर संकट बनने वाला है. कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों से लोग ग्रामीण क्षेत्रों में वापस लौट रहे हैं, जिसके कारण वहां पर वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

भारत के 7 राज्यों से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत के ग्रामीण हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से संख्या बढ़ने लगी है. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि बड़े शहरों और औद्योगिक केंद्रों से लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों में वायरस की पुष्टि हो रही है.

स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चुनौती
रॉयटर्स के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि मामलों में स्पाइक देश के स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक नई चुनौती थी. देश के विभिन्न शहरों में अब तक कोरोना की टेस्टिंग करना एक चुनौती था, लेकिन ग्रामीण इलाकों में तो ये और भी कठिन कार्य होगा. बता दें कि पूरे देश में कोरोना वायरस के अब तक 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.किन राज्यों में है ज्यादा कोविड-19 का खतरा

भारत के विभिन्न राज्यों से एकत्रित किए गए आंकड़ों के अनुसार देश के जिन राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस (Covid-19) का खतरा ज्यादा है उनमें हिमाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, ओड़िशा और असम शामिल हैं.

ज्यादातर प्रवासी हैं संक्रमित
बिहार (Bihar) के पूर्वी राज्य में, आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि 1 जून तक दर्ज किए गए 3,872 कोरोन वायरस मामलों में, 2,743 प्रवासियों श्रमिकों से जुड़े थे. ये सभी 3 मई को अपने घर वापस लौटे थे. बिहार के जिन मजदूरों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है उनमें से ज्यादातर दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात से लौटे हैं.

वहीं, इस मामले में वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी नितिन मदन कुलकर्णा का कहना है कि भारत के पश्चिमी हिस्सों से लौटे श्रमिकों के कारण झारखंड और बिहार की सीमाओं पर बसे गरीब इलाकों में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा है. कुलकर्णी ने कहा कि 2 मई के बाद हमें जो भी पॉजिटिव केस मामले मिले हैं, उनमें से लगभग 90% प्रवासी श्रमिक हैं.

निजी अस्पतालों में करना होगा इलाज

पूरे भारत के एक तिहाई कोरोना वायरस के मामले महाराष्ट्र से आ रहे हैं. अब तक महाराष्ट्र में 75 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. महाराष्ट्र के सतारा ग्रामीण पश्चिमी जिले के एक अधिकारी ने कहा, “अगर यह गति अगले कुछ हफ्तों तक जारी रहती है, तो हमारे पास गंभीर रोगियों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों पर नियंत्रण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.”

 

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First published: June 4, 2020, 7:51 PM IST



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