व्यर्थ से अर्थ निर्माण करते हुए संकटमोचक की भूमिका निभा रहा है बीएसपी का का मटेरिअल रिकवरी विभाग
BHILAI । वर्तमान परिदृश्य मे वैश्विक महामारी ‘कोविड-19 का सामना करने के लिए समूचे देश के साथ साथ भारतीय इस्पात के सिरमौर ‘सेल ने भी प्रधानमंत्री के ताजा आव्हान जान भी और जहान भी, के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अपने फौलादी कदम बढ़ाने प्रारम्भ कर दिए हैं। सेल अध्यक्ष के दिशानिर्देश अनुसार भिलाई इस्पात संयंत्र का मटेरिअल रिकवरी विभाग (एमआरडी) भी कदम से कदम मिलाते हुए संयंत्र के संकटमोचक होने की अपनी सार्थक भूमिका निभा रहा है। संयंत्र के अनुपयोगी स्क्रैप से स्टील मेल्टिंग शॉप्स की आवश्यकताओं की पूर्ति के अतिरिक्त विक्रेय योग्य स्क्रैप के प्रबंधन से बहुमूल्य मुद्रा अर्जन कर संयंत्र के बेहतर प्रदर्शन मे अपना योगदान देते हुए व्यर्थ से अर्थ निर्माण में सफल हुआ है।
विषम परिस्थितियों से उबारने एमआरडी का योगदान
मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी सेवाएं एस एन आबिदी एमआरडी टीम की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि इस वैश्विक संकट काल में संयंत्र को विषम परिस्थितियों से उबारने हेतु एमआरडी हेतु कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य निर्धारित किये गए तदानुसार उन्हें प्रेरित किया गया। मुझे खुशी है कि टीम एमआरडी ने योजनानुसार कार्यान्वयन करते हुए परिणाम देना प्रारम्भ कर दिया है।
एमआरडी का रेवेन्यू जुटाने का गम्भीर प्रयास
एमआरडी के विभाग प्रमुख व महाप्रबंधक श्री ज्ञानेश झा बताते हैं कि प्रबंधन की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए हमारी टीम एमआरडी सुनियोजित ढंग से आगे बढ़ रही है। टीम का प्रत्येक सदस्य पूरे जोश और जज्बे के साथ विभाग के लक्ष्यों के प्रति पूरी गम्भीरता से प्रयास कर रहा है। आज हम एसएमएस-2 एवं एसएमएस-3 में इस्पात उत्पादन के दौरान स्लैग का उचित व सुरक्षित प्रबंधन व विक्रय तथा स्लैग के सतत परिचालन के लिए थिम्बल की निरन्तर उपलब्धता सुनिश्चित करने में सफल हुए हैं। इस संकट काल में विभाग द्वारा मानव कार्यबल के युक्तियुक्त नियोजन के साथ-साथ उसके मनोबल को बनाये रखने में कामयाब हुआ है। विभाग ने नई-नई सम्भावनाओं की खोज की है जिसके तहत, मध्यम आकार के स्लैग का उपयोग सड़कों के चौड़ीकरण एवं भूमि के समतलीकरण मे किया जा रहा है, जिससे ना केवल मुरुम का एक बेहतर विकल्प प्राप्त हो गया है अपितु सॉलिड वेस्ट यूटिलाइजेशन के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रहा है।
शत-प्रतिशत योगदान देने हेतु तत्पर
टीम एमआरडी के समर्पित सदस्य श्री कुलदीप सिंह तोमर का कहना है कि टीम का अहम् सदस्य होने के नाते सफलता हासिल करने के लिए मै अपना शत-प्रतिशत योगदान देने हेतु तत्पर हूँ। कोविड-19 के इस संकट काल मे भिलाई इस्पात संयंत्र की कई मिल्स का उत्पादन बंद है, जहाँ से एमआरडी द्वारा स्क्रैप एकत्रीकरण कर एसएमएस-2 एवं 3 के लिए उपयोगी आकार में परिवर्तित कर इन विभागों को आपूर्ति की जाती है। इस चुनौतीपूर्ण समय में विभाग ने विशिष्ट समन्वय टीम बना कर संयंत्र के विभिन्न विभागों के अनुपयोगी सामग्री की पहचान की एवं उन्हें श्रेणीबद्ध कर स्टील मेल्टिंग शॉप्स के निर्बाध इस्पात उत्पादन में महती भूमिका निभाई।
स्क्रैप कलेक्शन में दर्ज की वृद्धि
टीम एमआरडी के कनिष्ठ अधिकारी श्री आर एल सोनवानी का मानना है कि आपातकाल में ही किसी व्यक्ति का मूल चरित्र उभर कर आता है, और हमें गर्व है कि हमे भी ऐसे कठिन समय पर अपने अनुभव एवं दक्षता से एमआरडी एवं बीएसपी के लिए कुछ अतिरिक्त योगदान देने का अवसर प्राप्त हुआ है, और हमारा प्रत्येक साथी इसके लिए प्रतिबद्ध है। हमारी टीम ने विक्रययोग्य स्क्रैप को भी बाजार की आवश्यकताओं एवं मूल्य के अनुसार विभिन्न श्रेणियों में विभक्त किया और उपयोगकर्ताओं की मांग के अनुसार आकार में परिवर्तित कर बहुमूल्य मुद्रा अर्जन का मार्ग प्रशस्त किया। विभाग ने इस दौरान स्क्रैप कलेक्शन में लगभग 80 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज कर, इस चुनौती को अवसर में बदलने में कामयाब हुआ है।
विषम परिस्थिति में भी प्रदर्शन बेहतर
टीम एमआरडी के एक और प्रतिबद्ध सदस्य चार्जमैन-स्क्रैप कलेक्शन, श्री देवेंद्र प्रकाश शर्मा बताते हैं कि सुरक्षा के सामान्य उपायों में अब हमने कोविड सुरक्षा को भी शामिल कर लिया है और इससे डरने के स्थान पर अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए निष्पादन जारी रखा। इस विषम परिस्थिति का सफलतापूर्वक सामना करते हुए विभाग के प्रदर्शन को बेहतर करते हुए स्क्रैप कलेक्शन को पूर्व की दर जो लगभग 22-24 ट्रक प्रतिदिन थी इसे बढ़ाते हुए 40 ट्रक प्रतिदिन के स्तर तक लाने में सफल रहे।
कोविड से बचाव हेतु किया प्रेरित
चार्जमैन-मेकेनिकल श्री किशोर कुमार प्रधान अपनी भावनाएंँ व्यक्त करते हुए कहते हैं कि इस दौरान एमआरडी बिरादरी ने कोविड के लिए जारी सभी दिशा-निर्देशों जैसे मास्किंग, सोशल डिस्टेंसिंग, साफ सफाई इत्यादि का न सिर्फ स्वयं पालन किया अपितु अपने साथियों को भी शिक्षित एवं प्रेरित किया। अनुभागीय स्तर पर कोविड से संबंधित सुरक्षा व जागरूकता अभियान चलाकर, विशेष रूप से हमारे ठेका श्रमिक साथियों की शंकाओं का समाधान कर उन्हें पूर्ण सावधानी के साथ घर, संयंत्र एवं समाज में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
एमआरडी के इस अनुकरणीय प्रदर्शन का श्रेय कार्यपालक निदेशक (वक्र्स) श्री बी पी सिह के निरंतर मार्गदर्शन तथा दिशा-निर्देशों, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सेवाएँं) श्री एस एन आबिदी की रणनीतिक योजना एवं सतत् सहयोग तथा विभाग प्रमुख व महाप्रबंधक श्री ज्ञानेश झा के कुशल नेतृत्व के साथ-साथ विभाग की समूची अनुशासित व उत्साही बिरादरी को जाता है।