छत्तीसगढ़

माघी पुन्नी मेले का पहला रविवार, भक्तों की भीड़ से पटा राजीव लोचन मंदिर

कुलेश्वर महादेव मंदिर में भी रही श्रद्धालुओं की कतार

राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला में रविवार को भक्तों की भीड़ रही। सुबह से ही राजीव लोचन मंदिर व कुलेश्वर महादेव के मंदिर में श्रद्धालुओं की कतारें रही। अवकाश के दिन लोगों ने माघी पुन्नी मेले का जमकर लुत्फ उठाया। लोगों ने पहले मंदिर में भगवान राजीव लोचन के दर्शन किए और उसके बाद मेला घूमा। कड़ी धूप होने के बाद भी लोगों का उत्साह बरकरार रहा। मंदिर दर्शनों के बाद रेत में चलते हुए कोई खेल मंच की ओर तो कोई पारम्परिक सांस्कृतिक मंच की ओर गया। इसके अलावा लोगों की उत्सुकता संत समागम की तैयारियों की ओर भी थी।  अवकाश का दिन होने के कारण आज माघी पुन्नी मेले की रौनक देखते ही बन रही थी।

श्रद्धा, दर्पण, पर्वस्नान, दान आदि धार्मिक कृत्यों के लिए राजिम की धार्मिक धरा त्रिवेणी संगम की महत्ता आंचलिक लोगों में विद्यमान है। क्षेत्रीय लोग इस संगम को प्रयाग-संगम के समान ही पवित्र मानते हैं। इनका विश्वास है कि यहां स्नान करने मात्र से मनुष्य के समस्त कल्मष नष्ट हो जाते हैं और मृत्युपरांत वह विष्णुलोक प्राप्त करते हैं। इसी मान्यता को साकार करता माघी पुन्नी मेला जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे यहां श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। रविवार को मेले का दृश्य दिन भी सबसे अलग दिखा।

संत समागम के लिए पहुंच रहे साधू

राजिम में पुर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेले का नाम सुनते ही लोग महानदी-पैरी-सोंढुर का संगम में पर्व स्नान करने व मनोरंजन के लिए आयोजित कार्यक्रमों का लुफ्त उठाने के साथ ही संत समागम के लिए देश के अलग अलग आश्रमों व मठों से पहुंचे साधु-संतों के दर्शन के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। प्रत्येक साधु की अपनी एक अलग पहचान मेले में आकर्षण व आस्था का केन्द्र होता है। लगातार मेले में नागा साधु सहित अन्य संतों की टोली पहुंचती जा रही है। जिसमें केदारनाथ से आये नागा बाबा भीमगिरी व इनके शिष्य नागा साधु चेतनगीरि, लोरिक चंदा रिवा लखौली से आये नागा साधु राजीव लोचन पुरी, साधु चंदन भारती, जगन्नाथपुरी उड़ीसा से आये नागा साधु सनथ, जुनागड़ गुजरात से आये नौरतन गिरी सहित अन्य साधु शामिल हैं।

26 फरवरी होगा कामधेनु यज्ञ

जानकारी के अनुसार 26 फरवरी को सभी साधु राजिम माघी पुन्नी मेले में पहुंच जायेंगे। जिसके बाद निर्धारित दिन में कामधेनु यज्ञ भी आयोजित होगा। वहीं लोमेष ऋषि आश्रम में विश्व शांति एवं जनकल्याण के लिए पांच दिवसीय रामचरित मानस महायज्ञ आयोजित हुआ। यज्ञ में शामिल होने दूर दराज से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

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