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भारत-चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के पास जमा कर रहीं भारी हथियार और लड़ाकू वाहन | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. भारतीय और चीनी सेनाएं (Indian and Chinese Army) पूर्वी लद्दाख (North Ladakh) के विवादित क्षेत्र में भारी उपकरण और हथियार लेकर पहुंच रही हैं. इनमें तोपें और लड़ाकू वाहन भी शामिल हैं. भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले 25 दिन से तीखी झड़प जारी है. इस क्षेत्र में दोनों सेनाओं द्वारा युद्ध क्षमता में वृद्धि तब भी हो रही है जब दोनों देश सैन्य और राजनयिक स्तरों पर बातचीत के माध्यम से विवाद को हल करने के अपने प्रयासों को जारी रख रहे हैं.

सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना रणनीति के तहत धीरे-धीरे अपने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (Line of Actual Base Camp) के पास अपने बेस कैंप में तेजी से तोपों और टैंकरों को एकत्रित कर रही है.

भारतीय सेना भी जमा कर रही हथियार
चीन की ओर से हो रही इस गतिविधि के बीच भारतीय सेना भी अतिरिक्त सैनिकों के साथ-साथ आर्टिलरी गन जैसे उपकरणों और हथियारों को एकत्रित कर रही है. सूत्रों ने कहा कि जब तक कि पंगोंग त्सो, गैलवान घाटी और कई अन्य क्षेत्रों में हालात बहाल नहीं हो जाते तब तक भारत भरोसा नहीं करेगा.सेना ने खारिज किया था आपसी झड़प का वीडियो

इससे पहले भारतीय सेना (India Army) ने सोशल मीडिया (Social Media) पर चल रहे उस वीडियो को खारिज किया जिसमें पूर्वी लद्दाख में चीनी और भारतीय सैनिक कथित तौर पर आपस में भिड़ते दिखाई देते हैं. सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘वीडियो में दिख रही चीजें प्रामाणिक नहीं हैं. इसे उत्तरी सीमाओं पर स्थिति से जोड़ने का प्रयास दुर्भावनापूर्ण है.’’

बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच सीमा प्रबंधन पर स्थापित प्रोटोकॉल के तहत दोनों पक्षों के बीच मतभेदों का सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता के माध्यम से समाधान किया जा रहा है.

वायरल हो रहा बिना तारीख का वीडियो
बिना तारीख वाले वीडियो में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिक कथित रूप से आपस में भिड़ते दिखाई देते हैं.

सेना ने कहा, ‘‘फिलहाल कोई हिंसा नहीं हो रही है. दोनों देशों के बीच सीमा प्रबंधन पर स्थापित प्रोटोकॉल के अनुरूप सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता के माध्यम से मतभेदों का समाधान किया जा रहा है.’’

बयान में कहा गया, ‘‘हम राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों को सनसनीखेज बनाने के प्रयासों की निंदा करते हैं. मीडिया से आग्रह है कि वह दृश्य सामग्री को प्रसारित न करे जिससे सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के खराब होने की आशंका है.’’

तीन हफ्ते से भी ज्यादा समय से जारी है गतिरोध
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीन सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध जारी है जिसे 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद सबसे बड़ी सैन्य तनातनी माना जा रहा है.

स्थिति तब बिगड़ गई जग पैंगोंग त्सो क्षेत्र में पांच मई की शाम भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच हिंसक टकराव हुआ.

भारत के सड़क बनाने पर चीन ने किया था विरोध
पैंगोंग त्सो के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क बनाए जाने और गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक और महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण पर चीन का कड़ा विरोध टकराव का कारण बना.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि विवाद के समाधान के लिए चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर पर द्विपक्षीय वार्ता जारी है.

(भाषा के इनपुट सहित)

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