कौन हैं उत्तराखंड सरकार को मुश्किल में डालने वाले मंत्री सतपाल महाराज और अमृता रावत, जानें यहां…|know about cabinet minister satpal maharaj and amrita rawat of uttarakhand nodtg | dehradun – News in Hindi


(फाइल फोटो)
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने आध्यात्मिक क्षेत्र में अपने पिता हंस जी महाराज की विरासत को आगे बढ़ाया. आज भी देश के अलग-अलग राज्यों जैसे गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम और यूपी में महाराज के फॉलोअर मौजूद हैं.
उत्तराखंड में तिवारी सरकार में सतपाल महाराज 20 सूत्रीय कार्यक्रम के अध्यक्ष रहे और 2004 में सांसद का चुनाव भी नहीं लड़ा. फिर 2009 में सतपाल महाराज गढ़वाल सीट से सांसद चुने गए. लेकिन केंद्र में कोई मंत्री पद नहीं मिला और 2014 में कांग्रेस की डोलती नाव देखते हुए दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद 3 साल महाराज को चुनाव का इंतज़ार करना पड़ा और फिर 2017 में चौबट्टाखाल सीट से विधायक चुने गए, फिर त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.
‘अपने पिता हंस जी महाराज की विरासत को आगे बढ़ाया’
इसके अलावा सतपाल महाराज ने आध्यात्मिक क्षेत्र में अपने पिता हंस जी महाराज की विरासत को आगे बढ़ाया. आज भी देश के अलग-अलग राज्यों जैसे गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम और यूपी में महाराज के फॉलोअर मौजूद हैं. वहीं चुनाव प्रचार में बीजेपी ने भी इस बात को देखते हुए 2019 में उन्हें अलग-अलग राज्यों में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में रखा.कौन हैं अमृता रावत
दूसरी तरफ बात की जाए सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत की, जिनके दिल्ली से लौटने के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटव आई. वो 2002 में पहली बार विधायक बनी और तिवारी सरकार में मंत्री रहीं. 2007 और 2012 में भी अमृता रावत विधायक चुनी गईं. साल 2012 में विजय बहुगुणा सरकार में भी मंत्री बनीं. लेकिन 2014 में पति सतपाल महाराज के बीजेपी में जाने के बाद हरीश रावत ने मंत्री पद से हटा दिया और 2017 में अमृता रावत ने चुनाव नहीं लड़ा.
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First published: May 31, 2020, 9:25 PM IST