दो दिन पहले केरल पहुंचा मानसून, अब होगी झमाझम बारिश- Skymet Weather -Monsoon in India Latest news and update monsoon reached kerala 2020 Know Everything in HIndi | business – News in Hindi
केरल पहुंचा मानसून- स्काइमेट ने दावा किया है कि मानसून केरल पहुंच चुका है. पिछले साल यह आठ दिन की देरी से 8 जून को केरल के समुद्र तट से टकराया था. भारत में जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून से बारिश होती है.
#JUSTIN Southwest #Monsoon2020 finally arrived on the mainland of India, #Monsoon arrived on Kerala before the actual onset date. All the onset conditions including rainfall, OLR value, wind speed, etc are met. Finally, the 4-month long festival begins for Indian. #HappyMonsoon
— SkymetWeather (@SkymetWeather) May 30, 2020
मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि इस बार मानसून औसत ही रहने वाला है. विभाग के मुताबिक, 96 से 100% बारिश को सामान्य मानसून माना जाता है.
कब कहां पहुंचेगा मानसून- आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल तट से टकराने के बाद आगे बढ़ते हुए 5 जून को गोवा, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में दस्तक दे सकता है.
मौसम विभाग के मुताबिक 10 जून को मानसून महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में प्रवेश कर सकता है.
इसके अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और बिहार में 15 को मानसून के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 20 जून को मानसून दस्तक दे सकता है.
हालांकि, 25 जून तक पूरे उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गुजरात और हिमाचल में मानसून के छा जाने की संभावना है. यानी उत्तर प्रदेश और गुजरात में जून के अंत में जबरदस्त बारिश हो सकती है.
मानसून की सबसे अंतिम प्रवेश राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में होगा. मौसम विभाग के मुताबिक इन राज्यों में 30 जून तक मानसून दस्तक दे सकता है.
आधे से ज्यादा खेती सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर-भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए मानसून बेहद जरूरी है.
अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि आधारित है. देश में आधे से ज्यादा खेती सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर होती है. चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए बारिश बेहद जरूरी होती है.
कोरोना महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू है. इस वजह से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शुमार भारतीय अर्थव्यवस्था इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रही है.
दो चरणों में जारी होता है अनुमान-हर साल मौसम विभाग दीर्घावधि अनुमान दो चरणों में जारी करता है. पहला अनुमान अप्रैल तो दूसरा अनुमान जून में जारी किया जाता है. इसके लिए स्टेटिसटिकल एनसेंबल फोरकास्टिंग सिस्टम और ओशन एटमॉस्फिरिक मॉडलों की मदद ली जाती है. 1961 से 2010 के दौरान देशभर में हर साल औसतन 88 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई.