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COVID-19: कहीं नाची बार बाला तो कहीं मारपीट, बिहार का एक Quarentine ऐसा… जहां विदाई के समय भर आईं आंखें | covid-19-Bihar Madhubani sarisab-pahi-mukhiya-distributes-dhoti-and-sari-to-migrant-laborers | madhubani – News in Hindi

COVID-19: कहीं नाची बार बाला तो कहीं मारपीट, एक Quarentine ऐसा... जहां विदाई के समय भर आईं आंखें

मधुबनी के सरिसब पाही पश्चिमी पंचायत के क्वारंटाइन सेंटर से प्रवासी मजदूरों को धोती-साड़ी देकर रवाना किया गया. (फोटो साभारः अनुराग मिश्र/फेसबुक)

बिहार के मधुबनी के सरिसब पाही पश्चिमी पंचायत के मुखिया ने क्वारंटाइन सेंटर (Quarentine Center) से घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों को जिस अंदाज में विदाई दी, वह न सिर्फ मिथिला (Mithila) की पहचान का प्रतीक, बल्कि एक नजीर भी है.

सरिसब पाही (मधुबनी). कोरोनाकाल (COVID-19) में बाहरी राज्यों से बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों को प्रखंडस्तरीय क्वारंटाइन सेंटरों में ठहराया जा रहा है. बिहार के कई ऐसे सेंटरों से कहीं बार बालाओं के नाच-गाने का आयोजन तो कहीं मार-पीट या प्रवासी मजदूरों को सुविधाएं न मिलने पर हंगामे की खबर आती है. लेकिन मधुबनी जिले के सरिसब पाही पश्चिमी पंचायत का एक क्वारंटाइन सेंटर (Quarentine Center) इस मामले में सबसे अनोखा है. आज इस सेंटर में रह रहे 55 लोगों को क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद उनके घर रवाना किया गया. इस मौके पर पंचायत के मुखिया रामबहादुर चौधरी ने प्रवासी मजदूरों को जिस अंदाज में विदाई दी, वह न सिर्फ मिथिला (Mithila) की पहचान का प्रतीक, बल्कि एक नजीर भी है. मुखिया ने घर लौट रहे प्रवासियों को मेहमान या कह लें कि दामाद सरीखा सम्मान देते हुए धोती-साड़ी देकर रवाना किया. ऐसा सम्मान देख प्रवासियों की आंखें भर आईं.

206 में से 50 से ज्यादा प्रवासी लौटे घर

सरिसब पाही पश्चिमी पंचायत के मुखिया रामबहादुर चौधरी ने News 18 Hindi के साथ बातचीत में कहा कि सरिसब स्थित पाठशाला के क्वारंटाइन सेंटर पर कुल 206 लोगों को ठहराने का इंतजाम किया गया है. इनमें से आज 53 पुरुष, एक महिला और दो बच्चों की क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद घर लौटना था. इससे पहले गांव के लोगों से बातचीत की तो ख्याल आया कि मुसीबत की इस घड़ी में क्यों न इन प्रवासियों के लिए कुछ ऐसा करें, जो इन्हें सुकून दे. साथ ही इससे दूसरी पंचायतों तक अच्छा संदेश भी जाए. इसी क्रम में प्रवासियों को धोती-साड़ी देकर रवाना करने का ख्याल आया. सरिसब पाही के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अमल झा ने बताया कि मिथिला में पहली बार घर आए मेहमानों को लौटते समय धोती-साड़ी देकर भेजने का रिवाज भी है. मुखिया ने इस परंपरा को निभाकर एक नजीर पेश की है.

सरिसब पाही के स्कूल पर मजदूर को धोती देते मुखिया रामबहादुर चौधरी.

सभी लोगों को देंगे धोती-साड़ी

50 से ज्यादा प्रवासियों को धोती-साड़ी देकर रवाना करने पर आए खर्च की बाबत सवाल पूछने पर मुखिया रामबहादुर चौधरी ने बताया कि यह सब खर्च उन्होंने निजी स्तर पर किया है. इस क्वारंटाइन सेंटर से जितने भी लोग अगले कुछ दिनों में जाने वाले हैं, चौधरी सभी को धोती-साड़ी देकर रवाना करेंगे. यहां तक कि आज जिन बच्चों को वह कपड़े नहीं दे पाए, उन्हें बाद में देने का भरोसा दिलाया है. चौधरी ने बताया कि इतनी मात्रा में धोती-साड़ी खरीदने के लिए गांव के भी कई लोगों ने मदद की बात कही है. जो भी लोग इस काम में मदद करेंगे, वह सबका सहयोग लेंगे. चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपने गांव के आसपास की अन्य पंचायतों के मुखिया को भी इस तरह की पहल करने की बात कही है.

14 दिन के 'वनवास' के बाद Quarentine Center से निकले तो कुछ ऐसा हुआ कि खिल उठे चेहरे | covid-19-sarisab-pahi-mukhiya-distributes-dhoti-and-sari-to-migrant-laborers

आज 55 लोगों को इस सेंटर से घर के लिए रवाना किया गया.

पहले भी करते रहे हैं ऐसी पहल

सरिसब पाही गांव के क्वारंटाइन सेंटर से प्रवासियों को धोती-साड़ी देकर विदा करने की मुखिया की इस पहल की गांव के लोग भी तारीफ कर रहे हैं. क्वारंटाइन सेंटर पर धोती-साड़ी वितरण के समय मौजूद रहे नवटोल निवासी अनुराग मिश्र ने बताया कि मुखिया रामबहादुर चौधरी पहले भी सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते रहे हैं. मुखिया ने बताया कि अयाची डीह पर वर्ष 2017 में हुए कार्यक्रम में उनकी पहल पर ही अयाची मिश्र की प्रतिमा का अनावरण हुआ, जिस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आए थे. इसके अलावा सुलभ इंटरनेशनल भी रामबहादुर चौधरी को सम्मानित कर चुका है.

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First published: May 29, 2020, 10:54 PM IST



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