छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

एक जून से पूर्ण लॉकडाउन की संभावना को देख व्यापारी जुटे फिर जमकर मुनाफाखोरी करने में अभी से चिल्हर विक्रेताओं को होलसेल वाले सामान का स्टॉक खत्म होने का करने लगे हैं बहाना

तम्बाकू,पान, गुटका और गुड़ाखू के थोक व्यापारी है इसमें सबसे आगे

BHILAI। एक जून से पूर्ण लॉकडाउन किये जाने की संभावना को देखते हुए व्यापारियों द्वारा जमाखोरी किये जाने की जानकारी मिल रही है। सबसे अधिक जमाखोरी का कार्य पान मसाला, तम्बाखू और गुड़ाखू के होलसेलरों द्वारा किये जाने की सूचना मिल रही है क्योंकि शहर के बाजारों से एक बार फिर पान मसाला, तम्बाखू और गुड़ाखू गायब होने लगे हैं। इससे जमाखोरी की संभावना को बल मिल रहा है।  चिल्हर विक्रेताओं को थोक व्यापारी अचानक स्टाक खत्म हो जाने का हवाला देकर टरकाने में लग गए हैं। ज्ञातव्य हो कि अब तक हुए चारों लाकडाउन के कारण तम्बाखू सहित अन्य जर्दायुक्त गुटका और गुडाखू चार गुना से लेकर आठ गुना दाम पर बेचने का कार्य किये है, और बेतहाशा मुनाफा कमाये है, और फिर 1 जून से पूर्ण लॉकडाउन होने की संभावना को देखते हुए जमकर मुनाफाखोरी करने की जुगत कर रहे है।

कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने अभी लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है। इस दौरान ठेला खोमचा को छोड़ प्राय: सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान एक निश्चित समयावधि के लिए खुल रही है। लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को खत्म होने जा रहा है। इससे पहले ही एक जून से फुल लॉकडाउन लगाये जाने की चर्चा सरगर्म हो उठी है। हालांकि अभी तक 31 मई के बाद लॉकडाउन की स्थिति को लेकर शासन प्रशासन की ओर से कोई अधिकृत घोषणा नहीं किया जा सका है। लेकिन शहर में यह चर्चा तेजी के चल रही है कि कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढऩे के चलते छत्तीसगढ़ में पहले और दूसरे चरण की तर्ज पर फिर एक बार फुल लॉकडाउन घोषित किया जाएगा।

प्रशासनिक स्तर पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से शहर में चल रही यह चर्चा हाल फिलहाल तो महज एक अफवाह है। लेकिन इसी चर्चा के आधार पर पान मसाला, तम्बाखू और गुड़ाखू जैसे नशीले पदार्थों की जमाखोरी बढऩे लगी है। चिल्हर विक्रेताओं की माने तो थोक विक्रेता उन्हें स्टाक नहीं होने का हवाला देकर एक तरह से टरकाने में लग गए हैं।

गौरतलब रहे कि लॉकडाउन पहले से तीसरे चरण तक पान मसाला, तम्बाखू और गुड़ाखू का दाम आसमान छूने लगा था। थोक और चिल्हर व्यापारियों का तर्क था कि लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियों के साथ ही परिवहन व्यवस्था बंद रहने से माल की आवक नहीं हो पाने से दाम में इजाफा होना जालिमी है। इस दौरान महज 5 रुपए कीमत वाला विमल व राजश्री ब्रांड का पान मसाला 20 रुपए में बिका। पांच रुपए में दो पुडिय़ा मिलने वाला तम्बाखू का दाम बढ़कर 20 रुपए में एक पुडिय़ा बिकने लगा। सबसे अधिक कीमत में गुड़ाखू की डिबिया बिकी है। 5 रुपए वाली गुड़ाखू की छोटी डिब्बी 60 से 70 रुपए तक बिकने लगी थी। जबकि 25 रुपए कीमत वाली गुड़ाखू लॉकडाउन के शुरुवाती तीन चरण में दस गुना अधिक ढाई सौ रुपए में बिकी।

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