कोंडागाँव: जिले में भी टिड्डी दल के आक्रमण को लेकर दिशा निर्देष जारी, बनाया गया नियंत्रण कक्ष
यह करें उपाय
इस संबध मे किसानों को समझाईष दी गई है कि जब यह कीट आकाश में दिखाई पड़े तो उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आसपास मौजूद घास फूस जलाकर धुआं करें। इससे टिड्डी दल खेत में ना बैठकर आगे निकल जाएगा। आवाज से यह कीट डरता है। किसान अपने खेतों मे पटाखे फोड़कर, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें। ट्रैक्टर के साइलैंसर को निकाल कर भी तेज ध्वनि कर सकते हैं। कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उनके अंडों को नष्ट किया जा सकता है। इनको उस क्षेत्र से हटाने या भगाने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा रासायनिक दवाओं से भी इसे काबू मे किया जा सकता है। इसके तहत् कृषक बेन्डियोकार्ब 80 प्रतिषत डब्ल्यू.पी.125 ग्राम, या डेल्टामेथरिन 2.8 प्रतिषत ईसी.या डेल्टामेथरिन 1.25 प्रतिषत युएलवी 1400 मिली. या डाईफलुबेंजुरन 25 प्रतिषत डब्ल्यू.पी. 120 ग्राम या लैम्डा साइक्लोथीरिन 5 प्रतिषत ईसी 400 एमएल या लैम्डा साइक्लोथीरिन 10 प्रतिषत डब्ल्यू पी 200 ग्राम या फेनवेलरेटेड 0.4 प्रतिषत डीपी 25 किग्रा जैसे कीट नाशकों का छिड़काव कर सकते हैं।
जिले मे बनाया गया कंट्रोल रूम
टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जिला स्तर पर नोडल अनुविभागीय कृषि अधिकारी उग्रेश कुमार देवांगन (मोबाइल नंबर 9406426064) ,सहायक नोडल वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री जी आर नाग (मोबाइल नंबर 7869185206) सहायक श्री सौरभ वर्मा(मोबाइल नंबर 9617404654) व श्री आनंद नेताम (मोबाइल नंबर 9479017852) को नियुक्त किया गया है। टिड्डी दल के संबध मे जानकारी या सूचना नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों के मोबाइल नंबर पर दी जा सकती है।
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