वैक्सीन बनाने में 10 साल लगते हैं हम 1 साल में इसे बनाना चाहते हैं: सरकार | Live updates of health ministry press conference on covid 19 coronavirus india lockdown niti ayog | nation – News in Hindi
भारत में वैक्सीन पर रिसर्च जारी.
प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर (PSA) प्रोफेसर के. विजय राघवन ने कहा कि देश में 30 समूह कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीन विकसित करने के प्रयास कर रहे हैं.
वहीं भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर (PSA) प्रोफेसर के. विजय राघवन की ओर से जानकारी दी गई कि देश में वैक्सीन को लेकर रिसर्च जारी है. वैक्सीन बनाने में 10 साल लगते हैं लेकिन हम एक साल में इसे बनाना चाहते हैं.
There are about a total of 30 groups in India, big industry to individual academics, who are trying got develop vaccines, of around 20 are keeping a good pace: Principal Scientific Advisor (PSA) to the Government of India Prof K. Vijay Raghavan pic.twitter.com/gWQOS4kCPY
— ANI (@ANI) May 28, 2020
उन्होंने जानकारी दी कि देश में 30 समूह कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन विकसित करने के प्रयास कर रहे हैं. इनमें बड़ी इंडस्ट्री से लेकर अकादमिक संस्थान शामिल हैं. इन 30 में से 20 समूह बेहतर राह पर हैं. उन्होंने कहा कि AICTE और CSIR ने एक ड्रग डिस्कवरी हैकाथॉन की शुरुआत की है- यह एक हाई-एंड हैकाथॉन है, जहां छात्रों को कम्प्यूटेशनल ड्रग डिस्कवरी करने के बारे में जानकारी के साथ प्रशिक्षित किया जाता है.
RT-PCR test is testing for the presence of the virus and is agnostic whether you have symptoms or not. Whether you are asymptomatic, if you have virus it will be detected: Principal Scientific Advisor (PSA) to the Government of India Prof K. Vijay Raghavan
— ANI (@ANI) May 28, 2020
प्रोफेसर के. विजय राघवन ने कहा कि RT-PCR टेस्ट कोरोना वायरस की मौजूदगी पहचानने के लिए होता है, फिर चाहे व्यक्ति में कोविड 19 के लक्षण हों या नहीं. अगर व्यक्ति गैर लक्षण वाला है और उसमें वायरस है तो भी इस टेस्ट में वायरस की पहचान हो जाती है.
उन्होंने कहा कि हमें अभी तक कोरोना वायरस की बुनियादी प्रकृति में कोई भी बदलाव देखने को नहीं मिला है. अगले कुछ महीनों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर व्यक्तिगत रूप से किए जाने वाले परीक्षण उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोई एक स्विच नहीं है जो पहले दिन से ही सभी को मुहैया हो जाएगी. कोविड-19 के लिए इसे हर किसी के लिए उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है.
प्रोफेसर के. विजय राघवन ने जानकारी दी कि वैक्सीन का वर्गीकरण चार तरह से होता है. mRNA वैक्सीन, एटिन्यूटेड वैक्सीन, इनएक्टिवेटेड वैक्सीन, एडजुवैंट वैक्सीन. हमारे देश में कुछ कंपनियां वैक्सीन के निर्माण में प्री क्लीनिकल स्टेज पर हैं. कुछ अन्य फरवरी 2021 तक इसे प्री क्लीनिकल स्टेज में होंगी.
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First published: May 28, 2020, 4:27 PM IST