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देश में 30 ग्रुप कर रहे COVID-19 वैक्सीन पर काम, 20 समूहों के प्रयास बेहतर | 30 groups in india trying to develop a covid19 vaccine says govt scientific advisor | nation – News in Hindi

देश में 30 ग्रुप कर रहे COVID-19 वैक्सीन पर काम, 20 समूहों के प्रयास बेहतर

राघवन ने बताया कि वैक्सीन बनाने का पूरा प्रोसीजर 10-15 साल का है जिसमें कि 2-3 मिलियन डॉलर का खर्च आता है.

भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रोफेसर के विजय राघवन (Principal Scientific Advisor (PSA) Prof K. Vijay Raghavan) ने जानकारी दी कि इस समय देश में 30 ग्रुप पर कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19) काम कर रहे हैं. इसमें बड़ी इंडस्ट्री के साथ ही व्यक्तिगत शिक्षाविद भी शामिल हैं.

नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण पैदा हुई स्थिति और इससे जुड़ी वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) और दवाइयों (Covid-19 Drug)को लेकर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. स्वास्थ्य मंत्रालय की इस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए पूरा तंत्र लगा हुआ है और ये भारत को कोरोना से बचाने के लिए सक्षम है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि अधिकतर वैक्सीन और दवाइयां हमारे देश में बनती हैं और दूसरे देशों में जाती हैं. भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रोफेसर के विजय राघवन ने जानकारी दी गई कि इस समय देश में 30 ग्रुप पर काम कर रहे हैं. इसमें बड़ी इंडस्ट्री के साथ ही व्यक्तिगत शिक्षाविद भी शामिल हैं. इसमें से 20 की गति काफी अच्छी है.

दुनिया में 100 वैक्सीन पर चल रहा काम
राघवन ने बताया कि वैक्सीन बनाने का पूरा प्रोसीजर 10-15 साल का है जिसमें कि 2-3 मिलियन डॉलर का खर्च आता है. उन्होंने कहा क्योंकि ये काम 1 साल के अंदर पूरा करने की कोशिश की जा रही है तो इसके लिए 2-3 बिलियन डॉलर का खर्च आ रहा है. इस समय दुनिया में 100 से ज्यादा वैक्सीन पर काम चल रहा है.

भारत वैक्सीन बनाने में टॉप क्लाससरकार के प्रिसिंपल एडवाइजर ने कहा कोरोना से बचने के लिए हमें 5 काम करने जरूरी हैं इसमें सफाई, सरफेस की सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग, ट्रैकिंग और टेस्टिंग शामिल हैं. राघवन ने कहा वैक्सीन में हम टॉप क्लास हैं दुनिया में जो बच्चों को स्टैंटर्ड तीन वैक्सीन लगती हैं उनमें से दो भारत में बनती हैं. उन्होंने कहा कि अधिकतर वैक्सीन और दवाइयां हमारे देश में बनती हैं और दूसरे देशों में जाती हैं. वैक्सीन आने के बाद किसी स्विच के जरिए ये एक बार में सबके पास नहीं पहुंच सकती. इस बीमारी में हर किसी तक वैक्सीन पहुंचना बड़ी चुनौती है.

दवा बनाना भी बड़ी चुनौती
दवाओं को लेकर राघवन ने कहा दवाएं केमिकली तौर पर काम करती हैं और ऐसी दवा बनाना जो सिर्फ वायरस को नष्ट करे और शरीर को नुकसान न पहुंचाए तो ये बहुत मुश्किल काम है. उन्होंने कहा कि नई दवाई बनाना बहुत बड़ी चुनौती है वैक्सीन की तरह ही इसमें भी काफी समय लगता है. ऐसे कई प्रयास फेल हो चुके हैं.

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First published: May 28, 2020, 4:53 PM IST



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