इन दो राज्यों को छोड़कर आज से पूरे देश में शुरू होगी फ्लाइट सेवा | domestic flights recommence 25 may hardeep singh puri coronavirus lockdown Quarantine | nation – News in Hindi
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर बताया, ‘देश में नागरिक उड्डयन कार्यों की सिफारिश करने के लिए विभिन्न राज्यों के साथ बातचीत का एक लंबा दिन रहा. आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल को छोड़कर सोमवार से पूरे देश में घरेलू उड़ानों की शुरुआत होगी.’ पुरी ने बताया, ‘नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश में उड़ान स्कीम के तहत विमान सेवाएं फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है. इसके तहत नॉर्थ-ईस्ट क्षेत्र, पहाड़ी इलाकों, आईलैंड की फ्लाइट और कम दूरी वाली फ्लाइट को प्राथमिकता दी जाएगी. फ्लाइट्स का संचालन बेहतर तरीके से किया जाएगा.’
बता दें कि फिलहाल प्रत्येक शहर के लिए न्यूनतम उड़ानें निर्धारित की गई हैं और कुछ एयरपोर्ट ऐसे भी हैं, जहां से परिचालन सोमवार को शुरू नहीं होगा. सरकारी अधिकारियों ने रविवार की रात बताया कि चक्रवातीय तूफान ‘अम्फान’ से प्रभावित पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बागडोगरा एयरपोर्ट से 25 से 27 मई के बीच विमानों का कोई परिचालन नहीं होगा, लेकिन 28 मई से वहां से 20 उड़ानों का परिचालन होगा. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के मुंबई और तेलंगाना के हैदराबाद एयरपोर्ट से सोमवार से क्रमश: 50 और 30 उड़ानों का परिचालन होगा.
चेन्नई एयरपोर्ट पर 25 विमान करेंगे लैंडतमिलनाडु के चेन्नई एयरपोर्ट के संबंध में नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि सोमवार से दिन में वहां अधिकतम 25 विमान लैंड कर सकेंगे, लेकिन वहां से उड़ान भरने वाले विमानों की संख्या निर्धारित नहीं की गई है. अधिकारियों ने बताया कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम एयरपोर्ट से सोमवार से किसी भी उड़ान का परिचालन नहीं होगा, बल्कि मंगलवार से सेवा शुरू होगी.
1050 फ्लाइट्स शुरू हुई थी बुकिंग
घरेलू उड़ानें शुरू करने संबंधी संशोधित कार्यक्रम जारी होने के बाद कुछ राज्यों ने इसका विरोध भी किया है, क्योंकि उनके सामने समस्या है कि वे विमानों से आने वाले हजारों यात्रियों से कैसे निपटेंगे. सोमवार से शुरू हो रही 1,050 फ्लाइट्स के लिए बुकिंग शुरू हो गई थी, लेकिन संशोधित कार्यक्रम आने के बाद कई उड़ानें रद्द हो गई हैं, जिससे सैकड़ों यात्रियों को निराशा हाथ लगी है. विमानन कंपनियों को पहले अपनी क्षमता का एक-तिहाई परिचालन करने की अनुमति थी.
क्वारंटाइन के अलग-अलग नियमों को लेकर भ्रम
वहीं, अलग-अलग राज्यों द्वारा हवाई यात्रियों के लिए लागू किए गए क्वारंटाइन के अलग-अलग नियमों को लेकर भी विमानों के चालक दलों में भ्रम की स्थिति है. इस बीच, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरेलू उड़ानों, रेल तथा सड़क यातायात को लेकर अपनी ओर से दिशा-निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि सभी राज्य अपने हिसाब से क्वारंटाउन को लेकर अपना प्रोटोकॉल तय कर सकते हैं. यात्रियों को अपने मोबाइल हैंडसेट पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की भी सलाह दी गई है. मंत्रालय ने अन्य नियमों के साथ-साथ क्वारंटाइन संबंधी अपना प्रोटोकॉल जारी करते हुए सलाह दी है कि प्रत्येक प्रवेश और निकास बिन्दु पर शरीर के तापमान की जांच की जाए और जिन लोगों में लक्षण नजर नहीं आते हैं उन्हें यह सलाह देते हुए घर जाने दिया जाएगा कि वे 14 दिन तक अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें. एयरएशिया ने ट्वीट किया है कि सभी यात्री अपने गंतव्य राज्य के स्वास्थ्य प्रोटोकॉल जरुर पढ़ें और वह ‘किसी भी यात्री को वापस लाने या उनके क्वारंटाइन या अन्य खर्च उठाने के लिए बाध्य नहीं होगा.’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर परिचालन पूरी तरह पुन: शुरू करने के लिए नागर विमानन मंत्रालय से रविवार को और वक्त मांगा. उद्धवरे ने कहा कि महाराष्ट्र से सोमवार से यथासंभव न्यूनतम घरेल उड़ानों की शुरुआत की जाए. उन्होंने कहा, ‘मैंने आज नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की और उन्हें बताया कि मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को परिचालन बहाल करने के लिए और वक्त चाहिए.’ इससे पहले दिन में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने महामारी के जारी प्रकोप के बीच उड़ानें शुरू करने को एक ‘बहुत बुरा सुझाव’ बताया था.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा कि वह केंद्र से कोलकाता और बागडोरा एयरपोर्ट को दोबारा शुरू करने का काम कुछ दिन टालने को कहेंगी. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को पहली उड़ान मुंबई से पटना के लिए सुबह चार बजकर 20 मिनट पर और दिल्ली से पहली उड़ान कोलकाता के लिए सवेरे साढ़े चार बजे थी, लेकिन अब दोनों रद्द कर दी गई हैं. दोनों उड़ानें इंडिगो की हैं.
इन राज्यों को क्वारंटाइन के अलग-अलग नियम
कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, बिहार, पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा और जम्मू-कश्मीर उन कुछ राज्यों में से हैं, जिन्होंने उनके राज्य के एयरपोर्ट पर उतरने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग क्वारंटाइन के नियम तय किए हैं. कुछ राज्यों ने जहां यात्रियों को अनिवार्य संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में रखने का फैसला लिया है, वहीं कई अन्य ने उन्हें घर और क्वारंटाइन सेंटर्स में रखने की बात कही है. हालांकि, पुरी ने शनिवार को राज्यों के इन नियमों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि यदि कोई यात्री आरोग्य सेतु एप पर अपने आप के सही होने की रपट करता है तो इसका मतलब यात्री सुरक्षित है. राज्यों का रुख इस पर अड़ियल है और केंद्र सरकार पायलट और चालक दल के लिए एक समान पृथक रहने के नियम बनाने की कोशिश कर रही है.
क्वारंटाइन के नियम:-
>जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को कहा कि राज्य में आने वाले सभी यात्रियों को 14 दिन की प्रशासनिक निगरानी में क्वारंटाइन रहना होगा.
>केरल और पंजाब सरकार ने कहा कि राज्य में आने वाले सभी यात्रियों को 14 दिन के लिए घरों पर क्वारंटाइन रहना होगा.
>बिहार सरकार ने कहा है कि सभी यात्रियों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन रहना होगा, जिसका उन्हें भुगतान करना पड़ेगा.
>असम सरकार ने सभी चालक दल और पायलटों को 14 दिन पृथक रहने का नियम बनाया है. जबकि यात्रियों को वह घर और सरकारी पृथक केंद्रों पर बराबर-बराबर बांट देगी.
>कर्नाटक ने कहा है कि यदि कोई यात्री बुरी तरह कोविड-19 प्रभावित राज्य से यात्रा कर रहा है तो उसे सात दिन के लिए अनिवार्य तौर पर प्रशासनिक निगरानी में रखा जाएगा. बाद में उसका कोविड-19 परीक्षण नकारात्मक आने पर उसे बाकी सात दिन घर पर पृथक रहना होगा.
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