बारहवीं के परीक्षा पैटर्न में बदलाव, कठिन सवालों की संख्या होगी कम
सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार- छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने के साथ-साथ प्रश्न-पत्र में अंक विभाजन के दौरान कुछ नया बदलाव शामिल करने जा रहा है। हायर सेकंडरी के परीक्षा पैटर्न में किया जा रहा यह बदलाव सिर्फ गणित, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के पर्चे के लिए होगा, इतिहास व भूगोल, संस्कृत सहित कला संकाय से जुड़े प्रश्न पुराने पैटर्न से पूछे जाएंगे। दो मार्च से शुरू हो रहे कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा में इस साल सात अंक के प्रश्न नही पूछे जाएंगे। इसके तहत इस साल कम कठिन, सरल व औसत प्रश्न पूछे जाएंगे। बोर्ड की इस व्यवस्था से परीक्षार्थी परीक्षा में बेहतर अंक हासिल कर कॉलेज में आसानी से प्रवेश ले सकेंगे।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षा इस साल 1 मार्च से 10वीं की परीक्षा के साथ प्रारंभ होगी जो 23 मार्च तक चलेगी वहीं 12वीं की परीक्षा 2 मार्च से शुरू होकर 29 मार्च तक चलेगी। शिक्षा विभाग ने इस साल परीक्षा व्यवस्था में बदलाव किया है। इसके तहत इस साल परीक्षार्थियों को 40 पेज की उत्तर-पुस्तिका प्रदान की जाएगी। किसी भी परीक्षार्थी को अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका (सप्लीमेंट्री कॉपी) नहीं दी जाएगी। इसके अलावा बोर्ड ने परीक्षा व्यवस्था में एक और बदलाव किया है कि परीक्षा में इस साल सात अंक के प्रश्न नजर नही आएंगे। शिक्षा मंडल की ओर से तैयार प्रश्न पत्र में पूछे जाने वाले सवालों में औसत एवं सरल प्रश्नों की संख्या अधिक होगी। कामर्स में 80 फीसदी व गणित में पर्चे 60 फीसदी तक सवाल सरल एवं औसत अंक वाले होंगे। बोर्ड की दोनों कक्षाओं की परीक्षा के लिए तैयार किए गए नए प्रारूप के तहत प्रश्नपत्र में यह बदलाव दिखेगा। पिछले साल केन्द्रीय बोर्ड ने 10वीं में प्रश्नों के पूछे जाने का पैटर्न सरल व औसत कर दिया था, यानि प्रश्न पत्र में कठिन सवालों से जुड़े सवाल बमुश्किल 20 से 40 फीसदी थे, जबकि सरल व औसत प्रश्नों की संख्या 60 से 80 फीसद रखी गई है। अब प्रश्न पत्र का यही पैटर्न नजर आएगा। इसके अलावा छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने इस साल सात अंक के प्रश्नों को शामिल नहीं करने का निर्णय लिया है। इस तरह देखें तो कठिन सवालों की संख्या कम होने व अंकों का विभाजन बेहतर ढंग से होने से बेहतर अंकों के साथ छात्राओं के लिए महाविद्यालयों मे प्रवेश का रास्ता खुल जाएगा।
10 के बजाय अब 15 अंक के वैकल्पिक प्रश्न
10वीं बोर्ड की परीक्षा मे अंक विभाजन को लेकर पिछले साल बदलाव किया गया था। परिवर्तित परीक्षा प्रणाली के तहत इस कक्षा में अंकों का विभाजन प्रैक्टिकल व थ्योरी के अनुसार कर दिया गया है। इसके तहत 25 अंक पै्रक्टिकल व प्रोजेक्ट आधारित निर्धारित किए गए थे, जबकि सैद्घांतिक प्रश्नों के लिए 75 अंक तय किया गया था। यही व्यवस्था 10वीं कक्षा के प्रत्येक विषय की परीक्षा में लागू की गई। जिसके साथ अब प्रश्न पत्र में 10 के बजाय 15 अंक के वैकल्पिक प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं। दो साल पहले बोर्ड ने यह नई प्रणाली राज्य के चुनिंदा स्कूलों में प्रयोग के तौर पर लागू किया था। सकारात्मक परिणाम मिलने पर पिछले सत्र से सभी स्कूलों मे शुरू कर दी गई है।
माशिमं द्वारा बारहवीं के प्रश्नपत्रों को सरल करने के उद्देश्य से कठिन प्रश्नों की संख्या कम की गई है। साथ ही सात अंक के प्रश्न इस बार नहीं पूछे जाएंगे।
-एके भार्गव, जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार।
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