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ईद, दीपावली, क्रिसमस और गुरपूर्व यह सब पर्व भारत की एकता और भाईचारे के प्रतीक

सिकुड़ती धरती बढ़ते कब्रिस्तान : चाढकसबका संदेस न्यूज़

ईद, दीपावली, क्रिसमस और गुरपूर्व यह सब पर्व भारत की एकता और भाईचारे के प्रतीक

जम्मू,-भारतीय जनता पार्टी जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ नेता राजीव चाढक ने आज अपने मुस्लिम भाइयों को ईद मुबारक देते हुए कहां कि ईद, दीपावली, क्रिसमस और गुरपूर्व यह सब भारत की एकता और भाईचारे के प्रतीक हैं इन दिनों में सभी मजहब के लोग एक दूसरे को बधाई संदेश देते हैं ताकि इन पर्वों के बाद समाज एकजुट और समृद्ध हो ।

उन्होंने कहा कि भारत में एक कुप्रथा शुरू हो गई है जिसके अंतर्गत कबर बनाने में भी प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है एक व्यक्ति सीमेंटेड कवर बनाता है दूसरा टाइल्स जा मार्बल लगवाता है और तीसरा ग्रेनाइट पत्थर लगवाता है जिससे एक गरीब वर्ग को भी उस पर स्पर्धा में भाग लेना पड़ता है जिसके कारण गरीब और गरीब होता जा रहा है जबकि इस्लाम में पक्की कबर बनाना बिल्कुल वर्जित है परंतु फिर भी इस प्रकार का कुप्रथा चल रही है।
उन्होंने कहा कि ओकाफ विभाग ने कभी भी पक्की कब्रे बनाने का विरोध नहीं किया और ना ही कोई रोक लगाई जिसके कारण आने वाले समय में धरती सिकुडती जाएगी और कब्रे बढ़ती जाएंगी जिसका खामियाजा आम समाज को भुगतना होगा ।

उन्होंने कहा कि जिस गरीब परिवार में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है वहां खाने के लाले पड़ जाते हैं परंतु पक्की कब्रों की होड़ में उन्हें भी उस तरह का बंदोबस्त करना पड़ता है जिसमें 50000 से डेढ़ लाख तक का खर्चा आ जाता है इस प्रकार की कुप्रथा से गरीबों के ऊपर किसी की मृत्यु आकाश टूटने जैसा हो जाता है।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन की कब्रों के कारण सभी कब्रिस्तान भर हो जाएंगे और नए कब्रस्थानों के लिए जगह मुहैया कराना बहुत मुश्किल होगा क्योंकि शहर के आसपास अब इस प्रकार से कोई जगह नहीं बची जिसे ओकाफ विभाग खरीद के कब्रिस्तान स्थापित कर सकें।

उन्होंने कहा कि इस्लाम में 40 साल बाद पुराने कब्रस्तान पर मिट्टी डालकर पुनः कब्र बनाई जा सकती है यह तभी संभव है जब कब्रे कच्ची हो अन्यथा यह पक्की कब्रे आने वाले 200 साल तक जिओं की त्यों रहेंगी जिसके कारण आने वाला समय बहुत मुश्किल लगता है जिस घर में मृत्यु हो जाएगी अपने प्रियजन को दफनाने के लिए स्थान ढूंढता फिरेगा ।

परंतु ओकाफ विभाग बिल्कुल आंखें मूंदे हुए है आज का ओकाफ विभाग सिर्फ व्यवसायिक स्थानों एवं पीर बाबा के मकबरों पर ही ध्यान दे रहा है जहां से इनकी जेब मोटी रकम जाती है धार्मिक स्थानों जैसे कि कब्रिस्तान और मस्जिदों की ओर औकाफ विभाग का ध्यान नही है ऐसा क्यों ?
उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल महोदय से प्रार्थना है कि इस पर संज्ञान लें और ओकाफ विभाग को समाप्त करते हुए ऐसे स्थानों को वक्फ बोर्ड के हवाले किया जाए ताकि इन स्थानों का सही प्रकार उत्थान हो सके ।

 

 

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