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वट साबित्री ब्रत पर बरगद वृक्ष की परिक्रमा कर महिलाएं मांगी सदा सुहागन का वारदान

सुहागिनों ने व्रत रखकर की पति के दीर्घायु की कामना

भिलाई । हिन्दू धर्म में महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए अनेक व्रत रखती है। ऐसे ही व्रतों में से एक वट सावित्री व्रत पर आज महिलाओं ने बरगद के वृक्ष की विधि विधान से पूजा के बाद मौली व सूत की धागा लपेटते हुए परिक्रमा कर सदा सुहागन रहने का वरदान मांगा। सत्यवान-सावित्री की कथा सुनकर सुहागिनों ने पति के दीर्घायु की कामना की।

वट सावित्री व्रत के चलते आज बरगद वृक्षों के नीचे सुहागिन महिलाओं की भीड़ जुटी रही। सुहागिनों के लिए वट सावित्री की पूजा बहुत विशेष मानी गई है। इस व्रत की मान्यता करवा चौथ की तरह है। व्रतधारी महिलाओं ने बरगद वृक्ष के नीचे पति के दीर्घायु और समृद्धि के लिए पारम्परिक विधि विधान से पूजा अर्चना की। अनेक महिलाओं ने घर पर ही बरगद की टहनी को गमले में सजाकर पारम्परिक तरीके से पूजा अर्चना किया। पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, विभिन्न किस्म के फल फूल तथा धूप का प्रयोग किया गया। पूजा की शुरुवात भगवान गणेश और माता गौरी से करने के बाद पति के दीर्घायु की कामना के साथ बरगद वृक्ष की पूजा की गई। पूजा समाप्ति बाद ब्राम्हणों को वस्त्र तथा फल आदि वस्तुएं बांस के पात्र में रखकर दान किया गया।

दुर्ग भिलाई के हर कालोनी और मोहल्लों में वट सावित्री व्रत को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह बना रहा। महिलाओं ने सारा दिन उपवास रखने के बाद वट यानि बरगद पेड़ की पूजा की रस्मे निभाने से पहले सोलह श्रंृगार के साथ नये वस्त्र धारण किए। भिलाई टाउनशिप के विभिन्न सेक्टर नेहरूनगर, वैशाली नगर, राधिका नगर, स्मृति नगर, जुनवानी, सुपेला, रामनगर हाउसिंग बोर्ड कालोनी, शांतिनगर, खुर्सीपार सहित भिलाई-3 चरोदा क्षेत्र में वट सावित्री पर पारम्परिक उल्लास बिखरा रहा।

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