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Live: 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा देश के साथ क्रूर मजाक- सोनिया गांधी | live updates Sonia Gandhi at opposition meet Govt uncertain about lockdown does not have exit plan | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. कोविड-19 (Covid-19) और उसके चलते प्रवासी मजदूरों के पलायन के मुद्दे पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई. ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए जारी है. बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी कर रही हैं. इस बैठक में 22 दल हिस्‍से ले रहे हैं. यहां पढ़ें Covid-19 पर UPA Meeting के लाइव अपडेट्स

– सोनिया गांधी ने कहा, ‘मौजूदा सरकार के पास कोई समाधान नहीं होना चिंता की बात है, लेकिन उसके पास गरीबों एवं कमजोर वर्ग के लोगों के प्रति करूणा का नहीं होना हृदयविदारक बात है.’

– सोनिया गांधी ने कहा, ‘कई जाने-माने अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि 2020-21 में हमारे देश की विकास दर -5 प्रतिशत हो सकती है. इसके नतीजे भयावह होंगे.’

– सोनिया के मुताबिक, हममें से कई समान विचारधारा वाली पार्टियां मांग कर चुकी हैं कि गरीबों के खातों में पैसे डाले जाएं, सभी परिवारों को मुफ्त राशन दिया जाए और घर जाने वाले प्रवासी श्रमिकों को बस एवं ट्रेन की सुविधा दी जाए. हमने यह मांग भी की थी कि कर्मचारियों एवं नियोजकों की सुरक्षा के लिए ‘वेतन सहायत कोष’ बनाया जाए. हमारी गुहार को अनसुना कर दिया गया.- प्रमुख विपक्षी दलों की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि इस सरकार में संघवाद की भावना को भूला दिया गया है और विपक्ष की मांगों को अनसुना कर दिया गया.

– बैठक में विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से तत्‍काल ‘अम्‍फान’ चक्रवाती तूफान से प्रभावित राज्‍यों को इस आपदा के प्रभाव से निपटने में मदद की मांग की.

– 22 विपक्षी दल चक्रवात अम्फान के मद्देनजर नागरिकों को तत्काल मदद प्रदान करने के लिए केन्द्र से आह्वान करेंगे.

– प्रवासियों, 13 करोड़ परिवारों की सरकार ने बड़ी क्रूरता से अनदेखी की: सोनिया गांधी

– 22 विपक्षी दलों ने केन्द्र से चक्रवात ‘अम्फान’ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की: प्रस्ताव

– सरकार टेस्टिंग की रणनीति और टेस्टिंग किट के आयात में नाकाम रही. इस बीच महामारी में मरीजों की संख्या बढ़ती गई: सोनिया

– सोनिया गांधी ने कहा कि 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा देश के साथ क्रूर मज़ाक है.

– सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना को लेकर अनुमान लगाया था कि 21 दिन के संघर्ष के बार यह खत्‍म हो जाएगा. अब ऐसा लगता है कि यह महामारी लंबे समय तक चलने वाली है. शायद जब तक टीका ना बन जाए. मुझे ऐसा लगता है कि सरकार लॉकडाउन के मानदंडों के बारे में अनिश्चित थी. और न ही लॉकडाउन से बाहर निकलने की कोई रणनीति बनाई थी.

– सोनिया गांधी ने कहा कि हम सभी को मालूम है कि 11 मार्च को WHO ने COVID-19 को महामारी घोषित कर दिया था. विपक्ष में हम सभी ने सरकार को अपना पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की. यहां तक ​​कि जब 24 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था, तो बमुश्किल 4 घंटे के नोटिस के साथ हम सभी ने सरकार की अचानक और स्पष्ट असमानता के बावजूद निर्णय का समर्थन किया.

– सोनिया गांधी ने कहा कि देश कोरोना वायरस के पहले मरीज की पहचान से पहले से ही आर्थिक संकट में था. नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी इसकी मुख्य वजह थी. देश में 2017-18 में आर्थिक मंदी शुरू हुई. जीडीपी में गिरावट कोई सामान्‍य घटना नहीं थी. यह अभूतपूर्व था. फिर भी, सरकार ने अपनी गुमराह नीतियों और अक्षम शासन को आगे बढ़ाया.

– सोनिया गांधी ने इस बैठक में हिस्‍सा लेने पर सभी दलों का आभार व्‍यक्‍त किया और कहा, ‘मैं चक्रवात अम्फान द्वारा पश्चिम बंगाल और ओडिशा में हुए भारी नुकसान पर दुख की संवेदना व्यक्त करती हूं. जिसमें लगभग 80 लोगों की जान चली गई है.’

– सोनिया गांधी की अध्‍यक्षता में विपक्ष की बैठक शुरू हो गई है. इसमें लगभग 22 दल हिस्‍सा ले रहे हैं.

कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि ये बैठक कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी और प्रवासी मजदूरों के पलायन को लेकर है जिसमें खास तौर पर चर्चा मजदूरों को घर वापसी में होने वाली मुश्किलों पर होगी. बैठक में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी शामिल होंगे. समाजवादी पार्टी (Samjawadi Party) और बीएसपी  (BSP) को भी न्योता दिया गया है लेकिन इन दोनों दलों ने बैठक से किनारा कर लिया है.

22 दलों के नेता हुए शामिल
सोनिया गांधी की अगुआई में विपक्ष की बैठक में 22 दलों के नेताओं से हिस्‍सा लिया. इसमें
आरजेडी की तरफ से राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा, आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, भाकपा के डी राजा, शरद यादव, राजद के तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, एन. के. प्रेमचंद्रन, जयंत सिंह, बदरुद्दीन अजमल, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, शरद पवार और शिवसेना नेता संजय राउत समेत कई नेता शामिल हुए.

लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने बैठक में कोविड 19 के दौरान इनकम टैक्स (Income Tax) ब्रैकेट के बाहर के लोगों को हर महीने 7500 रुपये देने, अगले 6 महीनों तक हर ज़रूरतमंद को 10 किलो अनाज़ फ्री देने,प्रवासी मजदूरों को घर तक फ्री पहुंचाने और जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के राजनीतिक बंदियों को छोड़ने की सहित कई अन्य मांग रखने का एलान किया है.

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